नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जनता से सिरे से नकार दिया। यहां छत्तीसगढ़ में बीते 15 सालों से भाजपा की सरकार थी। लेकिन जनता ने भाजपा की नीतियों से नाराज होकर उसे सत्ता से बहुत दूर खड़ा कर दिया है। इसके पीछे राज्यों में एक तरह से ‘एंटी इनकंबेंसी’ का माहौल बना हुआ था।
ये हैं राजस्थान-छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार के ये 5 बड़े कारण
1. दोनों ही राज्यों में राजस्थान-छत्तीसगढ़ के खिलाफ जनता विरोधी लहर सबसे प्रमुख कारण रहा और सरकार की गलत नितियों को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया।
2. राजस्थान की बता करें तो यहां पर एससी-एसटी एक्ट की वजह से सवर्ण वोटर भाजपा से नाराज बताए गए। जिसकी वजह से वसुंधरा सरकार को बहुमत नहीं मिला। यहां पर कोई भी पार्टी लगातार दो बार सरकार बनाने में कामयाब नहीं रही है।
3. छत्तीसगढ़ में रमन सरकार को बैक भेजने के पीछे ग्रामीण वोटरों की सबसे अहम भूमिका रही। 53 ग्रामीण सीटों में से 42 कांग्रेस ने जीती है। जिसकी वजह से वो यहां सरकार बनाने में कामयाब रही।
4. राजस्थान में किसानों में अंसतोष, विरोधी लहर, एससी एसटी एक्ट, गुर्जर आंदोलन, वहीं वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावती सुर उठने लगे थे। जिसकी वजह से राजस्थान में सरकार को बहुमत नहीं मिला।
5. छत्तीसगढ़ में सरकार ने किसानों से जो वादे किए वो समय पर पूरा नहीं हुए। युवाओं को नौकरी ना मिलना, आदिवासी जमीनों की लूट, नक्सलवाद के नाम पर दमन, विस्थापन आदि मुद्दों ने सरकार को घेरा तो वहीं दूसरी तरफ नक्सल इलाकों में भी सरकार के खिलाफ आक्रोश रहा। वहीं सबसे बड़ा कारण 15 साल की विरोधी लहर को जिम्मेदार ठहराया गया।
विधानसभा चुनाव: भाजपा की नीतियों से नाराज जनता ने सत्ता से किया दूर, जानिए राजस्थान-छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के बड़े कारण
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