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विदेश में सेटल हैं कश्मीर के 112 अलगाववादी नेताओं के 220 बच्चे, घाटी में युवकों से फेंकवाते हैं पत्थर

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के युवकों के हाथ पत्थर पकड़ाने वाले अलगाववादी नेताओं एवं उनके समर्थकों की असलियत देश और दुनिया के सामने रखी है। गृह मंत्री ने बताया है कि ये अलगाववादी नेता घाटी के बच्चों से पत्थर फेंकवाते हैं लेकिन अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज देते हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक घाटी के 112 अलगाववादी नेताओं एवं उनसे सहानुभूति रखने वालों के कम से कम 220 बच्चे विदेशों में रच-बस गए हैं।गृह मंत्रालय ने आम कश्मीरियों के सामने अलगाववादियों के असली चेहरों को सबके सामने उजागर करने का एक नया प्लान बनाया है। कश्मीर की घाटी में स्कूली बच्चों से पत्थरबाजी कराने, आतंकियों के मारे जाने पर स्कूलों को जलवाने और हड़ताल कर स्कूल बंद कराने वाले अलगाववादी खुद अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाते हैं।

हुर्रियत नेताओं समेत घाटी के 112 अलगाववादियों और उनसे सहानुभूति रखने वालों के कम से कम 220 बच्चे विदेश में पढ़ रह रहे हैं। कश्मीरियों से कुर्बानी का आह्वान करने वाले अलगाववादियों की इस सचाई से घाटी का एलिट क्लास तो अच्छे से परिचित है। गृह मंत्रालय योजना के तहत अलगाववादियों की सचाई को बेनकाब करने वाले तथ्यों को बड़े पैमाने पर प्रचारित करने की तैयारी में है। गृह मंत्री अमित शाह ने अलगाववादियों के खिलाफ इस पोल-खोल अभियान की शुरुआत की है। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के विस्तार के मुद्दे पर उन्होंने संसद में 130 हुर्रियत नेताओं के डीटेल रखे जिन्होंने अपने बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए विदेश भेज रखा है। और कहा कि ये अलगाववादी स्कूली बच्चों को पत्थरबाजी के लिए उकसाते हैं और स्कूलों को जबरन बंद कराते हैं।

तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहराई के 2 बेटे खालिद और आबिद अशरफ सऊदी अरब में काम करते हैं और वहीं बसे हुए हैं। जमात-ए-इस्लामी के सदर गुलाम मुहम्मद बट का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर है। दुख्तरान-ए-मिल्लत की आसिया अंद्राबी के 2 बेटे विदेश में पढ़ते हैं। उनका बेटा मुहम्मद बिन कासिम मलयेशिया और अहमद बिन कासिम ऑस्ट्रेलिया में पढ़ता है। इसी तरह, सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नीलम गिलानी ने हाल ही में पाकिस्तान में एमबीबीएस कोर्स पूरा किया है। साथ ही हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की बहन राबिया फारूक एक डॉक्टर हैं और अमेरिका में सेटल हैं।

इसी तरह बिलाल लोन के बेटी-दामाद लंदन में सेटल हैं और उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। अलगाववादी मोहम्मद शफी रेशी का बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है। वहीं अशरफ लाया की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। मुस्लिम लीग के नेताओं मुहम्मद युसूफ मीर और फारूक गपतुरी की बेटियां भी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। इसी तरह डेमोक्रैटिक मूवमेंट लीडर ख्वाजा फरदौस वानी की बेटी भी पाकिस्तान में मेडिकल कोर्स कर रही है। वहीदत-ए-इस्लामी नेता निसार हुसैन राठेर की बेटी ईरान में काम करती है और अपने पति के साथ वहीं पर रह रही है।

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