अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी के वाराणसी में बिना अनुमति आंबेडकर की प्रतिमा रखे जाने को लेकर खासा बवाल हो गया। जंसा थाना क्षेत्र के राखी नेवादा गांव में वगैर अनुमति के ग्राम पंचायत की बंजर भूमि पर आंबेडकर प्रतिमा रखे जाने को लेकर दो पक्षों में तनाव देखने को मिला।
इसकी खबर पाकर डीएम कौशलराज शर्मा के निर्देश पर रविवार को नायब तहसीलदार नीरज कुमार के नेतृत्व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आंबेडकर प्रतिमा को उखाड़ दिया। इस पर दलित बस्ती के लोगों ने प्रशासन का रास्ता रोककर उन पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। लोगों का आक्रोश देखकर पुलिस ने भी लाठी भांजनी शुरू कर दी। करीब आधे घंटे तक ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव किया।
डीएम के निर्देश पर बंजर भूमि को कब्जे से मुक्त कराने के लिए टीम लगभग ढाई बजे नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, कानूनगो, प्रभारी निरीक्षक जन्सा सतीश कुमार सिंह, एसओ लोहता, चौकी प्रभारी रामेश्वर मोहम्मद शाबान के साथ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आंबेडकर प्रतिमा को उखाड़ दिया और उसे पिकअप में लाद लिया।
बताते हैं कि जैसे ही प्रशासन की टीम रवाना होने के लिए निकली तो दलित बस्ती के लोगों ने टीम पर हमला बोल दिया। करीब आधे घंटे तक ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर पथराव जारी रखा। इतना ही नहीं लोग लाठी-डंडे लेकर सड़क पर आ गए और आग लगाकर रास्ता रोक दिया।
उसके बाद पुलिस जब आगे बढ़ी तो गांव के खड़ंजा मार्ग को सीमेंट की पाइपों को रखकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया। पत्थरबाजी के दौरान पांच पुलिसकर्मियों सहित एक मीडिया कर्मी घायल हो गए हैं। दलित बस्ती के उपद्रियों का आक्रोश देख पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर उपद्रवियों को खदेड़ा गया।
दलित बस्ती के लोगो के लाख विरोध के बाद पुलिस जेसीबी के माध्यम से अवरुद्ध हुए खड़ंजा मार्ग को खोलकर प्रतिमा को ले जाया गया। गांव से बाहर निकलने के बाद भी उपद्रवियों द्वारा सड़क पर आकर पुनः पुलिस टीम पर पथराव प्रारंभ कर दिया गया। अभी तक उपद्रवियों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस द्वारा अन्य विधिक कार्यवाही अमल में लायी जा रही है। ग्राम प्रधान द्वारा तहरीर दिये जाने के बाद उपद्रियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।