नई दिल्ली: वाईएसआर कांग्रेस ने भाजपा की अगुवाई में चल रहे एनडीए सरकार के खिलाफ खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. यह कदम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार करने पर उठाया गया है. पार्टी के सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया कि इस प्रस्ताव को सदन के कामकाज में शामिल किया जाए. यह जानकारी रेड्डी के कार्यालय ने दी. आपको बता दें कि प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो. वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में 9 सदस्य हैं. अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो यह मोदी सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा. वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने विभिन्न दलों के नेताओं को पत्र लिखकर प्रस्ताव के लिये समर्थन मांगा है. इधर टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है और उसने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. टीडीपी के 16 सांसद हैं. इस अविश्वास प्रस्वात के क्या परिणाम हो सकते हैं? ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि एनडीए में शामिल शिवसेना भी बीजेपी के खिलाफ ताल ठोंकने में लगी हुई है.
536 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा के 274 सदस्य हैं जबकि सहयोगी दलों के 56 सदस्य हैं. अगर अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो निश्चित तौर पर यह गिर जाएगा, लेकिन विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में भगवा दल को मुश्किल स्थिति में डाल देगा.
अभी एनडीए की स्थिति
बीजेपी-274
शिवसेना-18
लोक जनशक्ति पार्टी-6
अकाली दल-4
आरएलएसपी-3
जेडीयू-2
अपना दल-2
पीडीपी-1