अशाेक यादव, लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को दुनिया भर में करोड़ों लोगों की भूख को मिटाने के इसके सराहनीय प्रयास के लिए शुक्रवार को इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया। नोबेल समिति ने यह जानकारी दी है।
समिति ने जारी बयान में कहा, “डब्ल्यूएफपी ने भूख का इस्तेमाल एक हथियार और संघर्ष के रूप में होने से बचाने का काम किया है।” नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा के कुछ ही देर बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा कि वह इस पुरस्कार का 101वां विजेता है जिससे यह अवसर और भी खास हाे जाता है।
नॉर्वेजियन नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रीस एंडरसन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समिति भूखमरी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के प्रति विश्व का ध्यान खिंचना चाहती थी। एंडरसन ने कहा, “वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने खाद्य सुरक्षा को शांति का साधन बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भी हर किसी को भोजन के महत्व का एहसास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समिति ने बयान में कहा, “महामारी के समय में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने अपने प्रयासों को और भी तेज कर अपनी मजबूत क्षमता का प्रदर्शन किया है।” गौरतलब है कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने 2019 में 88 देशों में भूखमरी के शिकार करीब 10 करोड़ लोगों की सहायता की है।