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वर्ल्ड कप-2019 : टीम इंडिया को इंग्लैंड से मिली करारी शिकस्त के बाद उठ रहे सवाल, फ्लॉप खिलाड़ियों को कब तक मौका देंगे कोहली?

आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 में टीम इंडिया को इंग्लैंड से मिली करारी शिकस्त के बाद कई खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं. इस मैच से पहले भले टीम इंडिया का अजेय अभियान रहा हो, लेकिन विनिंग कॉम्बिनेशन के कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक लचर रहा है. अब आगे के मुकाबले प्रेशर वाले होंगे, ऐसे में कोच और कप्तान द्वारा तय किए जाने वाले प्लेइंग-11 पर सबकी नजर होगी. शिखर धवन के चोटिल होने के बाद केएल राहुल को बतौर सलामी बल्लेबाज के रूप में आजमाया गया. राहुल बतौर ओपनर कुछ खास नहीं कर पाए. उन्होंने 6 मैचों में 34.40 की औसत से 172 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 69.07 है. इसमें महज एक अर्धशतक शामिल है. साथ ही जिस आक्रमक बल्लेबाजी के लिए राहुल जाने जाते हैं, वह अंदाज भी उनका नहीं दिखा. लगातार डॉट गेंद खेलने के बाद भी वह अपनी पारी को आगे नहीं बढ़ा पाए हैं.

राहुल के विकल्प के तौर पर टीम में ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक ही रह गए हैं. हालांकि, बतौर ओपनर दिनेश कार्तिक भी कुछ खास नहीं कर पाए हैं, लेकिन दबाव में खेलना वो जानते हैं. कार्तिक 91 वनडे मैच में 17 बार ओपनिंग कर चुके हैं. इसमें उनकी बेस्ट पारी वेस्टइंडीज (67 रन) के खिलाफ थी. कार्तिक ने पिछले साल (18 मार्च, 2018) निदहास ट्रॉफी में करिश्माई बल्लेबाजी करते हुए क्रिकेट की दुनिया में धूम मचा दी थी. कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में कार्तिक के बल्ले से 8 गेंदों में 29* (6, 4, 6, 0, 2, 4, 1, 6) रनों की बारिश ने बांग्लादेश की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. वहीं, ऋषभ पंत ने आईपीएल में तो प्रभावित किया है, लेकिन वर्ल्ड कप का दबाव अलग होगा. इग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप डेब्यू मैच में उनकी बल्लेबाजी में गंभीरता नहीं दिख रही थी. इस वर्ल्ड कप में केदार जाधव का भी फ्लॉप शो रहा है, लेकिन विनिंग कॉम्बिनेशन के चक्कर में वह टीम का हिस्सा बना रहे. केदार ने इस वर्ल्ड कप में 6 मैच खेले हैं और 80 रन बनाए हैं.

इसमें एक अर्धशतक शामिल है. साथ ही कप्तान कोहली उनसे गेंदबाजी भी अभी तक नहीं करा पाए हैं. वहीं, रवींद्र जडेजा सब्स्टिट्यूट फील्डर के तौर पर टीम के लिए गेम चेंजर साबित हो रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने मैक्सवेल का कैच लिया था, जो टीम इंडिया की जीत में अहम साबित हुआ. इसी तरह इंग्लैंड के खिलाफ भी वे टीम से बाहर थे, लेकिन फील्डिंग करते हुए उन्होंने 2 कैच पकड़े. इसमें एक कैच जेसन रॉय का था, जिसे उन्होंने बाउंड्री के पास डाइव लगाते हुए पकड़ा. उनके इस कैच की वजह से इंग्लैंड की टीम 350 के पार नहीं पहुंच पाई, क्योंकि जिस लय में रॉय खेल रहे थे, उन्हें कोई भी भारतीय गेंदबाज नहीं रोक पा रहा था. इस वर्ल्ड कप में इन 2 कैचों के साथ ही सब्स्टीट्यूट के तौर पर खेलते हुए जडेजा के नाम 4 कैच हो गए हैं. केदार की तुलना में जडेजा इस वजह से भी भारी हैं क्योंकि वह अपनी फील्डिंग से काफी रन बचा लेते हैं. साथ ही एक फुल गेंदबाज की भी पूरी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में अब अपने अगले दो मुकाबलों में कोहली किस टीम और कॉम्बिनेशन के साथ मैदान पर उतरते हैं, अब इस पर सबकी नजर है.

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