राजस्थान: भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में अपने उन कुछ रसूखदार नेताओं की घरवापसी की तैयारी में है जो विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण बागी हो कर मैदान में उतर गए थे। पार्टी संगठन के बड़े नेताओं की सलाह पर इस बारे में बातचीत चल रही है ताकि पार्टी के मिशन 25 अभियान को बल दिया जा सके। पार्टी सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी उन बागियों की घरवापसी करवाना चाहती है जिन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने स्तर पर बड़ी संख्या में वोट जुटाए। इनमें हेमसिंह भड़ाना, धन सिंह रावत, राजकुमार रिणवां और हेमसिंह भडाना जैसे नाम शामिल हैं।
पार्टी महामंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि बातचीत चल रही है। कुछ लोगों ने पार्टी संगठन में आवेदन किया है कि वे दोबारा जुड़ना चाहते हैं। ऐसे आवेदनों पर विचार हो रहा है। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 180 प्लस का लक्ष्य लेकर उतरी थी। लेकिन अंतत: वह 73 पर सिमट गयी। इसमें कई सीटों पर उसके बागियों ने बड़ा नुकसान पहुंचाया। टिकट नहीं मिलने से पार्टी के एक दर्जन से अधिक नेता बागी होकर मैदान में कूद गए जिनमें कई तत्कालीन मंत्री और विधायक शामिल थे। इनमें से ज्यादा नेताओं को जीत नहीं मिली लेकिन उन्होंने बड़ी संख्या में वोट हासिल कर के न केवल अपनी ताकत दिखाई बल्कि पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी को नुकसान भी पहुंचाया।
इन नेताओं में हेमसिंह भड़ाना (थानागाजी), सुरेंद्र गोयल (जैतारण) , राधेश्याम गंगानगर (गंगानगर), लक्ष्मीनारायण दवे (मारवाड़ जंक्शन), अनिता कटारा (सागवाड़ा) , राजकुमार रिणवां (रतनगढ़) , रामेश्वर भाटी (सुजानगढ़) , कुलदीप धनकड़ (विराटनगर), दीनदयाल कुमावत (फुलेरा), किसनाराम नाई (श्रीडूंगरगढ़), धनसिंह रावत (बांसवाड़ा) को तो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था। लेकिन इनमें से भड़ाना व धनकड़ जैसे कई नेता अपने दम पर अच्छे खासे वोट हासिल कर परिणाम तालिका में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे।