श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी. अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन में होने के बावजूद पी.डी.पी. सरकार ने भाजपा को कश्मीर में अपने नापाक एजेंडे को पूरा करने की इजाजत नहीं दी और सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए की रक्षा के लिए सरकार ने देश के सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू में गुज्जरों और बकरवारों सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि समुदायों को परेशान नहीं किया गया था और उनके बीच सुरक्षा की भावना को प्राथमिकता पर बहाल किया गया था।
महबूबा मुफ्ती ने यह बात नैशनल कांफ्रैंस के पूर्व संभागीय उपाध्यक्ष रौफ अहमद भट्ट तथा उनके सैंकडों समर्थकों और उतर कश्मीर के पट्ट इलाके से हामिद अहमद मीर द्वारा पी.डी.पी. में शामिल होने के लिए आयोजित समारोह के दौरान कही। पी.डी.पी. अध्यक्ष ने कहा कि अगर वह राज्य और लोगों के हितों का दृढ़ता से बचाव नहीं करती तो सरकार छह साल तक जारी रहती। उन्होंने कहा कि चूंकि वह पी.डी.पी के एजेंडे में लगातार बनी रही जो गठबंधन के एजेंडे में शामिल था, इसलिए भाजपा को भागना पड़ा। पी.डी.पी. के राजनीतिक एजेंडे और पार्टी के अपने सिद्धांतों पर दृढ़ विश्वास ने भाजपा को पीछे कर दिया और सरकार में पी.डी.पी. ने एफ.आई.आर. वापस लेने, पत्थरबाजों के लिए माफी और एन.एच.पी.सी. से परियोजनाओं की वापसी पर जोर दिया।