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लोकतंत्र की दिखाई ताकत, वैक्सीन पर दुनिया को खुशखबरी और आतंक पर प्रहार

नई दिल्ली। न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। पीएम मोदी के यूएन महासभा में पहुंचने से पहले महासभा के बाहर कई सारे लोग उनके दीदार के लिए बेकरार नजर आए। यूएन महासभा में पहुंचने के बाद उनके संबोधन से पहले महासभा के सदस्यों ने पीएम का स्वागत किया।

जिसके लिए पीएम मोदी ने उनका शुक्रिया अदा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कोरोना महामारी का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। 

भारत के लोकतंत्र का जननी बता पीएम मोदी ने कहा कि हम इसी साल 15 अगस्त को आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर गये हैं। उन्होंने साफ किया कि हमारी विविधता हमारे मजबूत लोकतंत्र की पहचान है। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान लोकतंत्र की ताकत का बखान करते हुए कहा, ‘विविधता हमारे लोकतंत्र की पहचान है। भारत लोकतंत्र की जननी है, मैं इसका प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।’

इस सबसे अहम मंच पर जानलेवा कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफॉर्म CoWIN एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजिटल सहायता दे रहा है।

पीएम ने आगे कहा कि, ‘मैं UNGA को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसित कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है।

भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विविधतापूर्ण बनाया जाए, इसलिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है।’ हमारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ इसी भावना से प्रेरित है. स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर भारत भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए 75 उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने जा रहा है।’

साइंस बेस्ड अप्रोच को मजबूत करने के लिए भारत, अनुभव पर आधारित पढ़ाई को बढ़ावा दे रहा है। हमारे यहां, स्कूलों में हजारों अटल टिंकरिंग लैब्स खोली गई हैं, इंक्यूब्येटर्स बने हैं और एक मजबूत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विकसित हुआ है। अपनी आजादी के 75वें वर्ष के उपल्क्ष्य में, भारत 75 ऐसे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है, जो भारतीय विद्यार्थी, स्कूल-कॉलेजों में बना रहे हैं।

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