अशाेक यादव, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गोरखपुर में दिये गये व्यक्तव्य पर पलटवार करते हुये सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लाल टोपी का डर भाजपा नेताओं में घर कर गया है। अखिलेश ने बुधवार को कहा कि भाजपा के नेताओं को अब अपने राजनीतिक अस्तित्व का खतरा महसूस होने लगा है। भाजपा की लाल बत्ती गुल होने वाली है। इस सच्चाई से भाजपा अच्छी तरह परिचित हो गई है। तभी वह सपा पर अनर्गल आरोप लगाने लगी है।
साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का जब तब दम भरने वाले भाजपा नेताओं को पता नहीं यह जानकारी है कि नहीं कि हनुमान जी का रंग लाल है। सूरज का रंग लाल है। हर एक के जीवन में लाल रंग है। लाल रंग बदलाव का भी है साथ ही कहा कि खून का भी रंग लाल है। इस सबकी भाजपा को समझ नहीं है। क्योंकि उसकी नीतियां तो नफरत फैलाने वाली है। वहीं, काली टोपी वाले यह नहीं समझ पाएंगे, क्योंकि उनकी सोच संकीर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को देश की भावनाओं से कोई लेना देना नहीं है। किसानों-नौजवानों की समस्याओं के प्रति उसका रूख उपेक्षापूर्ण है।
किसानों से किए गए वादों को भाजपा भूल गई है। यहीं नहीं उसने अपने चुनाव संकल्प पत्र में जो वादे किए थे, उन्हें भी वह कूड़े के ढेर में डाल चुकी है। नौजवानों को रोजगार के झूठे आंकड़ों से भ्रमित किया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संसदीय जनतंत्र में भाषा और व्यवहार की मर्यादा से दल और व्यक्ति का परिचय होता है। भाजपा नेतृत्व में भाषा का संयम मिटता जा रहा है।
उसका आचरण भी मर्यादा लांघता नजर आने लगा है। साथ ही लोकतंत्र का एक प्रमुख अंग सत्तापक्ष के बाद विपक्ष होता है। भाजपा सत्ता के अहंकार में इतना डूब गई है कि वह विपक्ष को लांछित करने से नहीं चूकती है। सत्ताशीर्ष से विपक्षी नेताओं के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग कर व्यक्तिगत आरोप लगाया जाना लोकतंत्र में अवांछनीय है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा 2022 के चुनावों में हार की आशंका से इतना भयभीत है कि वह अपना विवेक और संयम दोनों खो चुकी है।