इस बीच इराक के मोसुल में लापता 39 भारतीयों पर आज तक की पड़ताल से हरकत में आई सरकार ने कहा कि लापता लोगों की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। इससे पहले ईराक में लापता हुए 39 भारतीयों के परिवारों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से दिल्ली के नेहरू भवन में मुलाकात की थी। उन्होंने इन परिवारों को भरोसा दिलाया कि ईराक में लापता 39 भारतीयों की जल्द तलाश शुरू की जाएगी। उन्होंने संभावना जताई कि गुमशुदा भारतीय नागरिक शायद ईराक की एक जेल में बंद हैं।
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भारत दौरे पर इराकी मंत्री, लापता भारतीयों पर होगी बात
इस बीच आपको बता दें कि इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी आज भारत के पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं तथा दोनों देशों के बीच इस दौरान होने वाली चर्चा में इराक के संघर्षरत मोसुल में तीन साल पहले लापता हुए 39 भारतीय नागरिकों का मुद्दा अहम होगा। भारत दौरे पर जाफरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ चर्चा करेंगे।
वी. के. सिंह को इरबिल भी भेजा गया था
मामले की पड़ताल के लिए विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह को इरबिल भी भेजा गया था। वी. के. सिंह लापता भारतीयों के बारे में जानकारी जुटाने 12 जुलाई को मोसुल के पेशमर्गा मोर्चे भी गए थे। सिंह ने बताया था कि पेशमर्गा से अभी भी आईएस आतंकियों को खदेड़ा जा रहा है। उन्होंने वहां इराक के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की थी।
मोसुल के पास जेल बंद भारतीय : सूत्र
बता दें कि लापता भारतीयों के परिवारों ने बताया था कि उन्हें 14 जून, 2014 को इराक में भारतीयों के लापता होने की जानकारी दी गई थी। बताया गया था कि 39 भारतीयों का आतंकी संगठन आईएस ने अपहरण कर लिया था। इस बीच सूत्रों की माने तो मोसुल के पास स्थित बादुश गांव की जेल में इन भारतीयों के बंद होने की संभावना जताई है। बादुश मोसुल के उत्तरपश्चिमी हिस्से में स्थित एक गांव है। चूंकि अभी यहां पर लड़ाई जारी है, ऐसे में जंग के खत्म होने पर ही उनकी तलाश शुरू की जा सकेगी। माना जा रहा है कि इन सभी भारतीयों को 2014 से मोसुल में बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें से अधिकतर पंजाब के हैं।