समंदर के बीच एक मुकुट की तरह, बाली का शांत, हराभरा, खूबसूरत और प्रदूषण मुक्त वातावरण मुझे बार-बार बुलाता है और मैं चला जाता हूं। समंदर से बातें करने का मन हो तो दुनिया में बाली से बेहतर कोई जगह नहीं। बाली इंडोनेशिया का एक द्वीप है। मुझे यह द्वीप बहुत पसंद है, इसलिए मैं अक्सर यहां आता जाता रहता हूं। अभी छह महीने पहले भी मैं बाली गया था। यह एक बहुत ज्यादा सुंदर, साफ-सुथरा व शांत द्वीप है। यहां आपको प्रदूषण बिल्कुल नहीं मिलेगा। बाली आकर आपको एक अलग ही तरह का अनुभव होता है। यहां कई बीच हैं और सभी बीच साफ शांत और सुंदर हैं। यहां अगर कुछ है तो बस पानी की आवाज, जो आपको इस शांत माहौल में बहुत ही अद्भुत आनंद का अनुभव कराती है। जब मैं इंडोनेशिया में रहता था, तब वहां से हर वीक एंड पर बाली चला आता था, क्योंकि वहां से मैं एक घंटे की फ्लाइट से बाली पहुंच जाता था।
सच बताऊं तो यहां आने के बाद मेरा फोन उठाने का भी मन नहीं करता। मैं सब कुछ भूल जाता हूं। जब भी मैं यहां होता हूं तो मुझे सुबह-सुबह समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती है। उस आवाज को सुनकर मैं उठता हूं और मेरा दिल खुश हो जाता है। उस समय पक्षियों की आवाज भी सुनाई नहीं देती। मैं हमेशा ऐसे होटल रहने के लिए चुनता हूं, जो समुद्र के नजदीक हों।बाली में कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां आप रात को सोते हो तो सुबह समुद्र की लहरों की आवाज से आपकी नींद खुलती है। कई ऐसी जगहें हैं, जहां आपको पक्षी भी नजर नहीं आते। यहां समुद्र के किनारे कई होटल हैं। बाली में ऐसी जगहें भी हैं, जहां पर जंगल एरिया में रिजॉट्रर्स बने हुए हैं। वहां आपको कई तरह के पक्षियों की आवाजें सुनाई देती हैं। वह भी एक बिल्कुल अलग ही अनुभव देता है।
आप अपने कमरे से बाहर देखें तो हरियाली ही हरियाली। पक्षियों की आवाज बस।बाली में एक कॉफी हाउस है। वहां की खासियत यह है कि वे लोग आपके सामने एकदम फ्रैश कॉफी बनाकर देते हैं। आपके सामने ही कॉफी बीन्स को रोस्ट करके कॉफी तैयार की जाए और यह सब आप खुद होते हुए देखें, है न कमाल की बात। दूसरी बात जो मुझे बाली की बहुत अच्छी लगती है, वह है वहां का कल्चर। बाली और हमारा कल्चर बहुत मिलता-जुलता है। वहां अस्सी प्रतिशत से ज्यादा हिंदू रहते हैं। वे बाली के हिंदू हैं न कि भारतीय हिंदू। उनके यहां भी महाभारत और रामायण है। बस थोड़ा-सा कहानी में फर्क है, लेकिन काफी चीजें मिलती जुलती हैं। कई संस्कार भी हमारे और उनके मिलते जुलते हैं।
एक बार हम लोग एक इवेंट के लिए बाली गए थे। तब वहां के राजा ने हमें खाने पर बुलाया था। उन्होंने हमारा बहुत आदर सत्कार किया। यह हमारी पूरी टीम के लिए एक बहुत ही सम्मान भरा पल था। बाली का खाना चटपटा होता है। वहां के मसाले भी हमारे भारतीय मसालों से थोड़ा अलग हैं। बाली में एक जगह है कूता, वहां बहुत अच्छी मार्केट है, जहां से आप खूब शॉपिंग कर सकते हैं।बाली का हैंडीक्राफ्ट भी बहुत अच्छा है। वहां के नृत्य भी बहुत फेमस हैं। बाली का संगीत अगर आप सुनेंगे तो सुनते रह जाएंगे। वहां के ज्यादातर वाद्य यंत्र बांस के बने होते हैं। इसलिए वह बहुत सुरीला होते हैं। बाली के लोगों की वेश-भूषा भी बहुत आकर्षक होती है। बाली के लोग इंडियन टीवी बहुत देखते हैं, इसलिए भारतीय कलाकारों को बहुत अच्छे से पहचानते हैं। मैं इन दिनों कलर्स टीवी पर प्रसारित हो रहे शो ‘कवच महाशिवरात्रि’ में नजर आ रहा हूं, जैसे ही समय मिलेगा फिर बाली जाऊंगा।