लखनऊ-नई दिल्ली: लम्बे समय तक कांग्रेस की धुरी रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जब से राष्ट्रिय स्वम् सेवक संघ का बुलावा स्वीकार किया है तब से कई तरह की बातें हो रहीं हैं. तब से उनके इस कार्यक्रम में जाने पर सवाल जवाब जारी हैं. पार्टी के कई वरिष्ट नेता अब तक उन्हें अपना सुझाव दे चुके हैं.
ये कार्यक्रम 7 जून को नागपुर में होगा. इसमें प्रबण मुखर्जी संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. हालांकि कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने इस पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन अब इस मामले में पहली बार खुद प्रणब मुखर्जी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.
प्रणब मुखर्जी ने एक बांग्ला अखबार से बातचीत में कहा, मुझे इस कार्यक्रम में जो भी कहना है, मैं नागपुर में ही कहूंगा. मुझे इस बारे में कई पत्र मिले हैं. कई मित्रों के कॉल आए हैं. लेकिन मैंने उनका जवाब नहीं दिया है. उन सभी का जवाब 7 जून को ही मिलेगा.
जयराम ने लिखी चिट्ठी, कहा- ‘RSS के कार्यक्रम में ना जाएं’
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनसे आरएसएस के कार्यक्रम में न जाने की अपील की है. इनमें जयराम रमेश भी शामिल हैं. हालांकि पी चिदंबरम ने इस कार्यक्रम के सवाल पर कहा कि राष्ट्रपति को वहां जाना चाहिए और बताना चाहिए कि आरएसएस की विचारधारा में क्या खामी है.
जयराम रमेश ने पूर्व राष्ट्रपति के इस कार्यक्रम में जाने के सवाल पर कहा था, ‘प्रणब दा ऐसे समय पर इस कार्यक्रम में जा रहे हैं जब पूरे देश में RSS के खिलाफ जनमत तैयार करने की लड़ाई कांग्रेस पार्टी और देश की दूसरी लोकतांत्रिक पार्टियां लड़ रही हैं.’ इससे पहले पूर्व मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित खुलकर प्रणब मुखर्जी के फैसले की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन प्रणब मुखर्जी ने आमंत्रण स्वीकार करने के बाद से इस विषय पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.