अशाेक यादव, लखनऊ। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसानों को अपनी धान की फसल बेचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। आलम यह है कि सरकार एक तरफ किसानों को उनके धान का पूरा समर्थन मूल्य दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
लेकिन मंडियों में स्थिति इसके ठीक विपरीत है। लिहाजा किसानों का धान क्रय केंद्रों के बजाय बिचौलियों के द्वारा बारह सौ से 13 सौ रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है।
हद तो तब हो गई जब सिस्टम से परेशान होकर संपूर्णानगर क्षेत्र के गदनिया गांव के किसान सरदार बलदेव सिंह ने खेत में खड़ी अपनी धान की फसल को ट्रैक्टर से जोतकर नष्ट कर दिया।
किसान का कहना है कि जब किसान के धान की खरीद ही नहीं हो रही है तो वह फसल का क्या करें। इसलिए खरीद की समस्या को देखते हुए परेशान होकर किसान ने खेत में खड़ी अपनी धान की फसल को जोत डाला। इस घटना के सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा है।
वहीं जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिले में दो लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा जिले के प्रत्येक किसान का धान क्रय केंद्र पर खरीदा जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक तीन हजार मैट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। इसके अलावा जिले के किसानों को कोई समस्या ना हो। इसलिए धान खरीद के लिए 136 क्रय केंद्र अलग-अलग जगहों पर स्थापित किए गए हैं।