अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। गुरुवार देर रात 6 सीनियर आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया। इसकी सूची भी जारी कर दी गयी है। लखीमपुर कांड की जांच टीम के अध्यक्ष उपेंद्र अग्रवाल को डीआईजी देवीपाटन रेंज बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी कांड की जांच में देरी पर उप्र सरकार को फटकार लगाई थी। जांच की जिम्मेदारी उपेंद्र अग्रवाल पर थी। हालांकि अब जांच टीम का प्रमुख कौन होगा? उपेंद्र अग्रवाल ही करेंगे या नहीं इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है।
माना जा रहा है कि ये ट्रांसफर चुनाव आयोग की सख्ती को देखते हुए किए गए हैं। इसके अलावा डीआइजी से आईजी पद पर प्रमोट हुए 2003 बैच के राकेश सिंह गोंडा रेंज से आईजी प्रयागराज, 2003 बैच के आईजी कानून-व्यवस्था यूपी राजेश मोदक को आईजी बस्ती परिक्षेत्र, 2002 बैच के आईपीएस आईजी रेंज बस्ती अनिल कुमार राय को आईजी पीएएसी सेंट्रल जोन लखनऊ में तैनात किया गया है।
डॉ. संजीव गुप्ता को आईजी अयोध्या परिक्षेत्र से आईजी कानून-व्यवस्था, प्रयागराज रेंज में तैनात केपी सिंह को आईजी अयोध्या परिक्षेत्र में तैनात मिली है।
गृह विभाग ने बीते शनिवार को 2 आईपीएस और 11 पीपीएस अफसरों के तबादले किए थे। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार आईपीएस अखिलेश निगम और अनीस अहमद अंसारी को एक जगह से दूसरी जगह भेज गया था।
इसके साथ ही एएसपी विनोद कुमार सिंह को एसटीएफ लखनऊ से एटीएस में स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं राघवेंद्र मिश्रा अपर पुलिस आयुक्त का भी तबादला कर दिया गया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ला ने निर्देश जारी किये थे। आयोग ने लम्बे समय से तैनात अधिकारियों / कर्मचारियों को लेकर चुनाव आयोग ने तत्काल हटाने के निर्देश जारी किए थे। एक जिले में 3-4 साल पूरा कर चुके अफसर हटाए जाएगें। विधानसभा चुनाव निष्पक्ष कराने और आदर्श आचार संहिता का पालन कराने को लेकर तबादले किए जाएंगे।
बता दें कि 31 मई 2022 तक जिन अफसरों का एक ही जिले में 3 साल पूरा हो रहा है ऐसे अफसरों को उस जिले से हटा दिया जाएगा। वहीं मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान 1 नवंबर से शुरू होगा। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू होने के साथ ही प्रदेश में अधिकारियों के तबादलों पर भी रोक लग जाएगी।