अशाेक यादव, लखनऊ। परिवहन निगम को निजीकरण से बचाने व 55 हजार कर्मचारियों के भविष्य के खातिर एक बार फिर संयुक्त मोर्चा आंदोलन की तैयारी में है। पूर्व में मोर्चे की ओर से दिए गए सात सूत्री मांग पत्र पर अब तक निगम प्रशासन और शासन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया।
जिससे नाराज कर्मचारी अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा 18 जनवरी को पुन: प्रबंध निदेशक को नोटिस देने जा रहा है।
नोटिस के तहत मोर्चा 22 जनवरी को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करके निगम प्रबंधन और शासन को सचेत करेंगे। क्योंकि शासन के लचरपूर्ण रवैये से कर्मचारी अब बड़े आंदोलन के मूड में हैं।
यह जानकारी देते हुए मोर्चा के प्रवक्ता व कोषाध्यक्ष जसवंत सिंह ने बताया कि इस बार लंबित मागों को लेकर आर-पार की लड़ाई तय है। जिसमें इस बार बसों का चक्का जाम करने का एलान भी मोर्चे द्वारा किया जा सकता है। रविवार को चारबाग बस अड्डे पर हुई पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।