अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने अलास्का रियल स्टेट आदि कंपनी खोलकर निवेश पर 60 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज का प्रलोभन देकर सैकड़ों लोगों से लगभग 60 करोड़ रूपये हड़पने वाले गिरोह के सरगना एवं कपनी सीएमडी हरिओम यादव को आज लखनऊ के गोसाइगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ प्रवक्ता ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गोसांइगंज इलाके के सकटू का पूरवा निवासी हरिओम यादव ने सदरपुर करोरा गांव में अपनी जमीन पर कार्यालय बनाकर अलास्का रियल स्टेट एवं अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज नाम की कंपनी खोल रखी थी और खुद प्रबंध निदेशक (सीएमडी) था।
उन्होंने बताया कि कंपनी के अन्य निदेशक निवेशकों को दुबई में बुर्ज खलीफा और मुंबई में कई बड़े रीयल स्टेट प्रोजेक्ट में निवेश कर लोगों को रातों-रात अमीर बनाने के सपने दिखाते थे। उन्होंने बताया कि काफी समय से मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह की सचूनाएं प्राप्त हो रही थीं।
इस सम्बन्ध में एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसी क्रम में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी।
लखनऊ पुलिस ने इस की कंपनी के नौ निदेशकों को 15 सितम्बर को गिरफ्तार कर लिया था जबकि यह फरार हो गया था। आज सुबह चांदपुर सराय सुलतानपुर मार्ग से गिरोह के मास्टरमाइंड (सीएमडी) हरिओम यादव को उप निरीक्षक मनोज सिंह के नेतृत्व मे गठित एसटीएफ की टीम और गोसाईगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया।
प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ में हरिओम यादव ने बताया कि वर्ष 2000 में उसने गोसाईगंज चौराहे पर मिठाई की दुकान खोली थी लेकिन लाभ न होने के कारण उसे बंद कर दिया और उसके बाद वर्ष 2003 में सुपर पैथालाजी गोसांईगंज में 3500 रुपये प्रति माह की नौकरी कर ली। उसके बाद वर्ष 2010 में आईसीआई बैंक सिविल हास्पिटल लखनऊ में सेल्स एडवाइजर के पद पर काम किया।
वर्ष 2016 में उसने नौकरी छोड़ कर अथर्व इन्फ्रा रियल स्टेट कम्पनी व किसानों की जमीन को कमीशन पर बेचने का काम शुरू किया और 2018 में उसने अपनी खुद की कम्पनियां अलास्का रियल स्टेट प्रा0लि0, अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज के नाम से विभिन्न कम्पनियाॅ बनाई, इन कम्पनियाें के आफिस गोसाईगंज लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई, व एफजेडई दुबई में खोले। इन कम्पनियों में इनवेस्ट करने पर 60 प्रतिशत वार्षिक की दर से लाभ देने का प्रलोभन देकर इन कम्पनियों में लगभग 60 करोड़ रूपये 2020 तक जमा कराये।
उन्होंने बताया कि 06 फरवरी 2019 में कृष्णानगर में पांच करोड़ रूपये (ब्लैक मनी) का पकड़ा गया था और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चालीस दिन बाद जब जमानत पर छूट कर आया तो लोगों ने अपना रुपया वापस मांगने लगे और कम्पनी में इनवेस्ट करने वालों का औसत भी घटने लगा। इसी दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इनकम टैक्स (आयकर विभाग) आदि विभागों द्वारा इसकी कम्पनियों की जाॅच की जाने लगी।
उसने निवेशकों का रुपया वापस करना बन्द कर दिया था, जिस कारण महेश कुमार यादव जिन्होंने मेरी कम्पनी में 71.04 लाख का निवेश किया था, ने उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया। प्रवक्ता ने बताया कि इसके अतिरिक्त सरफराज 60 लाख, मुशीर अहमद 45 लाख, अमित सिंह 35 लाख, बीबी सिंह 48 लाख, आर बी 22 लाख, मनोज वर्मा 13 लाख, राज कुमार सिंह 12 लाख, कन्हैया लाल 10 लाख, सुरेश शर्मा 10 लाख, बाबू राम 09 लाख आदि लगभग 600 निवेशें ने निवेश किया था।
उन्होंने बताया कि हरिओम यादव महीने में एक बार दुबई जाता था, जिससे निवेशकों को लगता था, कि कम्पनी का व्यापार दुबई में चल रहा है और लाभ का रुपया कम्पनी उनको समय पर देती रहेगी। निवेशक 60 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के प्रलोभन में आकर कम्पनी में पैसा जाम कराते थे। ठगी में मेरे उसके साथ प्रमुख रूप से ललित चौधरी, सुभाष चन्द्र यादव, शैलेन्द्र कश्ययप, राकेश कुमार यादव, अवधेश कुमार मिश्रा, नन्द किशोर यादव, गजल देव सिंह, सुरेन्द्र कुमार यादव, रूपाली गुप्ता, ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव, आशीष वर्मा आदि शामिल थे।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जब इसका पांच करोड़ रूपया कृष्णानगर पुलिस द्वारा पकडा गया था तब पुलिस एवं प्रशासन को मैनेज करने के नाम पर संतोष मिश्रा कथित न्यूज चैनल का मालिक,(डायरेक्टर) को इसने 1.25 करोड़ रूपये दिया थे। संतोष मिश्रा अधिकारियों पर पत्रकारिता का रौब दिखाकर दलाली का काम करता था, यह पशुधन घोटाला करने वाले आशीष राय का भी शरणदाता था। हरिओम को गोसाईगंज थाने में दर्ज मामले में वहां दाखिल करा दिया। आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।