अशाेक यादव, लखनऊ। निष्क्रांत संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों से कब्जा किए गए एफआईआर के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से झटका लगा है। मुख्तार अंसारी की FIR रद्द करने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इस मामले में मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। मुख्तार की भूमिका पर अभी विवेचना चल रही है। आरोप है कि मुख्तार और उसके परिवार ने लखनऊ में फर्जी कागजात से निष्क्रान्त संपत्ति पर कब्जा किया और निर्माण कार्य कराया। मामले में लखनऊ प्रशासन की तरफ से पहले ही इस संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा चुका है।
बता दें कि मामले में मुख्तार अंसारी व उनके लड़के अब्बास व उमर पर एफआईआर दर्ज है। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही ने पक्ष रखते हुए बताया कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इसके बाद FIR खारिज करने की याचिका अब पोषणीय नहीं है।
लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुख्तार अंसारी के दोनो बेटों अली और अब्बास के खिलाफ लेखपाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें दस्तावेजों से जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण का आरोप लगाया गया था। मामले में एलडीए ने कार्रवाई करते हुए निर्माण गिरा दिया था।
इसे पहले एक अन्य जानलेवा हमले के पुराने मामले में दो जमानतदारों ने मुख्तार अंसारी की जमानत वापस ले ली थी। दरअसल, गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में साल 2009 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 307- 506 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
इस मामले में प्रयागराज के दो सगे भाइयों मोहम्मद अकबर और मोहम्मद अकमल ने मुख्तार अंसारी की जमानत ली थी, लेकिन जमानतदार अकबर और अकमल ने सोमवार को प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुख्तार अंसारी की जमानत वापस लेने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया।