लखनऊ। सर्च फाउण्डेशन की ओर से आयोजित पांच दिवसीय “बाल उत्सव” का दूसरा दिन, रविवार दिव्यांगों के नाम रहा। विश्व विकलांग दिवस की पूर्व संध्या पर इसका आयोजन लखनऊ महोत्सव परिसर में किया गया। स्मृति उपवन परिसर के अटल मंच पर वरिष्ठ व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना की परिकल्पना और रत्ना अस्थाना के कुशल निर्देशन में बच्चों ने नृत्य, गायन और वादन की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। प्रथम देव गणपति की स्तुति “देवा श्री गणेशा” पर मुस्कान, रिद्धिमा, शिवम प्रज्ञा, प्राची, निशि, अंकुर, संतोष ने सुंदर डांस किया वहीं “एक दंताय वक्र तुंडाय” अवनी, मुस्कान, पावनी, पीहू, अविज्ञा, आशिमा ने नृत्य किया। डांस के क्रम में “इंडिया वाले” गाने पर, प्रज्ञा, ज्ञानेन्द्र, शिवम, निशि, अंकुर ने सुंदर डांस किया।
“ज्ञान की रौशनी” गाने पर सीमा, प्रज्ञा, प्राची, निशि, लक्ष्मी ने डांस पेश किया। प्रकृति संरक्षण का संदेश “हरी हरी वसुंधरा” के माध्यम से नारेन्द्र, वीरेन्द्र पाल, सीमा, लक्ष्मी, प्रज्ञा, प्राची, बबलू, इरशाद ने दिया। रंजना ने “ठुमक चलत राम चन्द्र” भजन पर भाव नृत्य पेश किया। ज्ञानेन्द्र, शिवम, सीमा, रिद्दिमा ने “रिदम्स ऑफ मोहब्बतें इंस्ट्रुमेंटल” पर सुंदर नृत्य संयोजन पेश किये। प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का संदेश “टिक टिक प्लास्टिक” के माध्यम से मुस्कान, निशि, प्रज्ञा, संतोष शिवम ने दिया। रंजना यादव ने “हर तरफ हर जगह है उसी का नूर” और इरशाद, ज्ञानेन्द्र, शिवम, राहुल, अनमोल ने “सारे जहां के मालिक” भजन सुनाया। भगवान और माता पिता को पूजने वाला इंसान आज धन की पूजा कर रहा है यह प्रसंग “तुम्ही हो माता” गाने के माध्यम से गोलू, नितीश, मुस्कान, निशि ने प्रभावी ढंग से पेश किया। ज्ञानेन्द्र और इरशाद ने “गुरुवर तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया” और गरिमा ने “तेरे घर के आगे साईं नाथ” भजन सुनाया।
संदीप कुमार ने “ऐ मेरे दिल हर दम ये दुआ”, राहुल राज राहुल कुमार, नितीश, संदीप ने “राधे राधे जपो” और ज्ञानेन्द्र कुमार ने “माई बिन जिंदगी अधूरी” भजन गाया। चूंकि महोत्सव का थीम “अटल संस्कृति अटल विरासत” है इसलिए खासतौर से अटलवाद को जनजन तक पहुंचाने के लिए मोहम्मद कदीम ने अटल की मशहूर कविता “गीत नया गाता हूं” और “मौत से ठन गई” सुनायी। ताल वाद्य कचहरी में तबला, नाल और घटम का वादन संदीप, राहुल राज, राहुल कुमार ने कर खूब तालियां बटोरीं। बलिस्टर ने मौजूदा भ्रष्टाचार पर करारा तंज कस्ते हुए “ये अजीब मुल्क है” कविता सुनायी। प्रस्तुति का समापन हमे गर्व है से हुआ। इस अवसर पर एंकर विनीता जोहरी का अभिनंदन किया गया।