अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन के मध्यांचल निगम में सिर्फ अभियंताओं या बाबुओं का ही ट्रांसर्फर पोस्टिंग या कार्यो के बंटवारें में खेल नहीं होता है। निगम के एक और लेखा संवर्ग हैं, जहां पर अनियमितता चरम पर है। यहां पर भी नियमों को दरकिनार कर ट्रांसर्फर, पोस्टिंग के साथ ही कार्यो के बंटवारों में भी जमकर खेल किया जाता है।
खास बात है कि यहां पर यह पूरा खेल मध्यांचल प्रबंधन के आंखों में धूल झोककर किया जाता है। ट्रांसर्फर, पोस्टिंग या कार्यों के बंटवारें में एमडी और निदेशक कार्मिक को सब सही बताकर फाइलों पर साइन करवाकर आर्डर पास करवा दिए जाते हैं।
मध्यांचल और लेसा, लेसा जोन में जल्द ही प्रमोशन पाए सहायक लेखाधिकारियों को मूल चार्ज के साथ ही दो से लेकर चार तक अतिरिक्त चार्ज और दे दिया गया है। जबकि बहुत से लेखाकारों या सहायक लेखाधिकारियों को किनारे कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि जिन्हे अतिरिक्त चार्ज दिया गया है, उन पर लेखाधिकारी नीरज चतुर्वेदी की मेहरबानी है। उन्होंने अपने चहेतों को मलाईदार पदों के साथ ही कई और चार्जों को दे दिया।
सहायक लेखाधिकारी प्रवीण कुमार अस्थाना की मूल तैनाती विद्युत कार्यशाला मंडल लखनऊ क्षेत्र में हैं। इन्हे अतिरिक्त कार्यभार के रुप में विद्युत कार्यमंडल लखनउ क्षेत्र, विद्युत कार्य खंड लखनउ क्षेत्र दिया गया है।
सहायक लेखाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सोनकर इनकी तैनाती विद्युत वितरण मंडल द्वितीय रायबरेली है। इन्हे मूल चार्ज के साथ ही विद्यृत विरतण मंडल सलोन, उंचाहार, लालगंल और विद्युत परीक्षण खंड द्वितीय का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
राजेश कुमार सहायक लेखाधिकारी की तैनाती सर्किल सात, सीस गोमती में है। इन्हे इस चार्ज के साथ ही विद्युत वितरण खंड कानपुर रोड और सर्किल चार के खंड दो की अतिरिक्त जिम्मेदारी लेखा सहायक अधिकारी के रुप में दी गई है।
सहायक लेखाधिकारी गौतम कुमार विद्युत कार्यशाला खंड लखनउ क्षेत्र में तैनाती है। इसके साथ ही विद्युत जानपद खंड गोमतीनगर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। खास बात है कि गौतम कुमार अभी हाल ही में मध्यांचल में आए हैं इनकी अभी डिपी चल रही है। यानि की इसके बाद भी इन्हे गलत तरीके से प्रमोशन दे दिया गया है।
देवेश कुमार लेखाकार हैं। इनकी तैनाती लेखाकार के रुप में मध्यांचल में हैं, इन्हे अपने मूल चार्ज के साथ ही स्टोर की जिम्मेदारी दे दी गई है। जबकि लेसा में इनकी तैनाती हो ही नहीं सकती है। कुछ इसी तरह के हाल आलोक कुमार सिंह के हैं इन्हे भी लखनउ जोन में अतिरिक्त तैनाती दी गई है। जबकि इनकी मूल तैनाती शक्ति भवन के पॉवर सेक्टर ट्रस्ट में तैनाती है।