अशाेक यादव, लखनऊ। बसपा ने पूर्वांचल में पार्टी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के विधायक पुत्र विनय शंकर तिवारी सहित कुछ अन्य नेताओं को सोमवार को देर रात पार्टी से निष्कासित कर दिया। बसपा के गोरखपुर मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सुधीर कुमार भारती की ओर से जारी बयान के अनुसार गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी, उनके बड़े भाई कुशल तिवारी, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडे को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित करने की जानकारी दी गयी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से तिवारी परिवार के समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे हैं। विनय शंकर तिवारी ने बताया कि उन्होंने पहले ही बसपा नेतृत्व को लिखित में बता दिया था कि वह जिन मुद्दों पर सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष के लिये पार्टी में शामिल हुये थे। पार्टी ने उन मुद्दों पर संघर्ष से खुद को दूर कर लिया है।
हालांकि, बसपा से निष्कासन के बारे में उन्होंने बसपा नेतृत्व की ओर से कोई सूचना नहीं मिलने की जानकारी देते हुये बताया कि पार्टी की ओर से उनके साथ कोई संपर्क नहीं किया गया है। सपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि “अभी कुछ तय नहीं है। हालांकि सपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तिवारी परिवार अगले सप्ताह सपा की सदस्यता ग्रहण कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक आगामी चुनाव में ब्राह्मण समुदाय को 2007 की तर्ज पर बसपा से जोड़ने की पार्टी की मुहिम को तिवारी परिवार के बसपा से अलग होने का सीधा असर पूर्वांचल की राजनीति पर पड़ना तय है। उल्लेखनीय है कि बीते दो दशक से भी अधिक समय से हरिशंकर तिवारी का पूर्वांचल, खासकर गोरखपुर मंडल की राजनीति में खासा रसूख है।