अशाेक यादव, लखनऊ। दीपावली पर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी ने उत्तर प्रदेश में हवा की गुणवत्ता को काफी खराब कर दिया है। दीपावली में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य शहरों में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए, जिसके कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में प्रदूषण के लेवल में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है।
प्रदेश में इन दिनों वायु में बढ़ी नमी के साथ दीपावली की रात जमकर आतिशबाजी से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु प्रदूषण औसत से कई गुना अधिक दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के दस सर्वाधिक प्रदूषित हवा वाले शहरों में बुलंदशहर सबसे ऊपर है।
यहां का एक्यूआइ लेवल 416 दर्ज किया गया। कानपुर का 410, अलीगढ़ का 395, फतेहपुर का 383, हाथरस का 377, मथुरा का 375, बहराइच का 367 और राजधानी लखनऊ का 357 दर्ज किया गया। लखनऊ के पड़ोसी जिलों में भी इसका असर देखा गया है। लखनऊ में भी गोमतीनगर सर्वाधिक प्रदूषित था।
दरअसल, एयर क्वालिटी इंडेक्ट में 8 प्रदूषक तत्व को देखा जाता है कि उनकी मात्रा कितनी है, अगर उनकी तय लिमिट से ज्यादा मात्रा होती है, तो समझ जाता है कि वहां की हवा प्रदूषित है।
सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अलग नहीं होना चाहिए. इसके अलावा इनमें PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3 और Pb आदि तत्व शामिल हैं, यह बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है।