लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देने के लिए बसपा-सपा का गठबंधन हो गया है. अखिलेश यादव और मायावती ने यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लिए एक साथ आने का मन बना लिया है और राज्य की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बीते दिनों लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने यह कहकर गठबंधन का ऐलान किया कि उन्होंने देशहित में लखनऊ गेस्ट कांड का मुद्दा किनारे रख दिया. हालांकि, अब 1995 लखनऊ गेस्ट हाउस कांड पर अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव की प्रतिक्रिया आई है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने मायावती पर लखनऊ गेस्ट कांड को लेकर हमला बोला है. 1995 लखनऊ गेस्ट हाउस कांड पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि ‘बहन जी ने मुझ पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. मैंने कहा था कि मैं जांच के लिए तैयार हूं,
मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं, मेरी शर्त यह है कि नार्को टेस्ट बहन जी का भी होना चाहिए, मेरा भी होना चाहिए.’ बता दें कि चंदौली के सकलडीहा में बुधवार को जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने यह बात कही. दरअसल, मायावती और अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में एक साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे और बीजेपी को हराएंगे. इस गठबंधन से कांग्रेस को भी झटका लगा है क्योंकि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन की कोशिशों में जुटी है. बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी से अलग होकर नयी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने सपा-बसपा के गठबंधन पर हमला करते हुए रविवार को कहा कि सीबीआई के डर से यह गठजोड़ तैयार हुआ है.
शिवपाल ने कहा कि वर्ष 1993 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था, उस वक्त दोनों ही पार्टियों पर कोई आरोप नहीं था और ना ही सीबीआई का कोई डर था. उन्होंने कहा “आज तो सीबीआई का ही डर है. इस डर की वजह से यह गठबंधन हो रहा है. यह गठबंधन सफल नहीं होगा.” शिवपाल ने किसी भी धर्मनिरपेक्ष दल से गठबंधन की इच्छा जताते हुए कहा “अभी हमारी बात तो नहीं हुई है लेकिन जितने भी धर्मनिरपेक्ष दल हैं, उनमें कांग्रेस भी है. अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करेगी तो मैं उससे गठबंधन के लिए बिल्कुल तैयार हूं. मालूम हो कि सपा में उपेक्षा की बात कहकर उससे अलग होने के बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया नाम से अलग पार्टी बनाई है. हालांकि वह अब भी जसवंतनगर सीट से सपा के विधायक हैं.