लखनऊ। राजधानी के निशातगंज, चारबाग, एयरपोर्ट से लेकर आलमबाग, एयरपोर्ट से लेकर आलमबाग, महानगर से पॉलीटेक्निक तक ई रिक्शा प्रतिबंधित है। शहर के ऐसे दस मुख्य मार्गो पर ई रिक्शा नहीं चल सकते हैं। बावजूद ई रिक्शा इन रूटों पर दौड़ रहे हैं। इससे मुख्य मार्गो पर जहां वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। वहीं हर कदम ई-रिक्शा से कारण जाम लग रहे है और सड़क हादसे भी हो रहे है।
शहर के रफ्तार में ई रिक्शा बाधा बन रहे है। प्रतिबंधित रूटों पर बेखौफ ई रिक्शा दौड़ रहे है। जोकि ट्रैफिक सिस्टम को बिगाड़ दिए है। चौराहे-चौराहे अवैध स्टैंड बना लिए हैं। आलम यह है कि शहर के हर चौराहे पर ई रिक्शा की वजह से जाम लग रहा है। वहीं अन्य वाहनों से आए दिन ई रिक्शा से सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही है। बावजूद जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।
लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर संघ के अध्यक्ष पंकज दीक्षित बताते है कि जिला सड़क सुरक्षा की बैठक में हर बार ई रिक्शा से शहर की बिगड़ रही ट्राफिक व्यवस्था पर चर्चा होती है। पर, आज तक किसी प्रकार का कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। यहीं वजह है प्रतिबंधित रूटों पर बेखौफ ई रिक्शा फर्राटा भर रहे है। यहीं नहीं सवारियों से न्यूनतम पांच रुपये किराया के बजाए दस रुपये ले रहे है।
साल 2013 में राजधानी में 25 रूटों पर ई रिक्शा संचालन की मंजूरी दी गई। उद्देश्य था कि कालोनियों में रह रहे लोगों को मेनरोड तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिल सके । इसके लिए सवारियों को कालोनी से मुख्य मार्ग पर पहुंचाने का खाका तैयार किया गया था। जोकि वर्तमान में ई रिक्शा संचालकों ने नियम को दरकिनार कर दिए है।
- सात जुलाई 2017 को आरटीए की बैठक पर दस मुख्य मार्गो पर ई रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित किया गया था।
- आरटीओ में पंजीकृत है 25 हजार से अधिक ई रिक्शा, चार वर्ष गुजरने के बाद भी कागजों पर चल रहा प्रतिबंध।