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लखनऊ: कहां गई वो पुलिस जो बुजुर्गों के जीवन में लाती थी ‘सवेरा’

अशाेक यादव, लखनऊ।  कोई है क्या ! घर में सब ठीक तो हैं… अब यह आवाज बुजुर्गों की दहलीज से गायब हो चुकी है। जिन बेसहारा बुजुर्गों की एकमात्र सहारा हुआ करती थी पुलिस मित्र आज वही मित्र की भूमिका निभाने वाली पुलिस इनका हालचाल पूछने के लिए कहीं भी दिखाई नहीं देती। साल 2019 में यूपी पुलिस को सवेरा योजाना से जोड़ा गया था। जिसमें यूपी पुलिस को बुजुर्गों का सहारा बनने के साथ उन्हें अप्रिय घटनाओं से बचाने के लिए आदेश दिया गया था। जिसमें पुलिस घर-घर जाकर अकेले रह रहे बुजुर्गों का हालचाल पूंछती थी।

राजधानी में बुजुर्गों के साथ हुई घटनाएं

पहली घटना : 30 अगस्त 2021 को चिनहट थानाक्षेत्र के जुग्गौर में गोपी कश्यप (75) की गला दबाकर हत्या की गई है। गोपी हत्याकांड का पर्दाफाश कर पुलिस ने मृतक के दामाद समेत तीन नातियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस समय पड़ताल में यह बात समाने आई कि गोपी की करोड़ों की जमीन बेच दी थी। जिसके बाद मृतक परिजनों ने रुपयों के लालच में इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।

दूसरी घटना : 20 अगस्त 2020 को निगोहां थानाक्षेत्र के नगराम गांव में एक बुजुर्ग दंपति की सिर कूचकर हत्या की गई थी। घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर एक चौकीदार की लाश मिली थी। चौकीदार के सिर पर चोट के गहरे निशान थे। पुलिस को वहां पर खून से सना एक पत्थर भी मिला था। बता दें जब कातिलों से इस घटना को अंजाम दिया उस वक्त बुजुर्ग दंपति घर में अकेला था।

तीसरी घटना : 13 दिसम्बर 2019 को सआदतगंज थानाक्षेत्र के चौपटिया में 70 वर्षीय चिकन कारोबारी बिलाल अहमद और उनकी पत्नी बिलकीस जहां (65) की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। उस समय पडोसियों ने दंपति का दरवाजा खुला देख भीतर झांका तो उन्हें फर्श पर खून से लथपथ दंपति की लाश दिखाई पड़ी थी।

जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का मुआयना किया था। जहां अधिकारियों को कमरे की अलमारी में रखा समान बिखरा मिला था। इसको देखकर अंदाजा लगाया गया कि हत्यारों ने लूटपाट के इरादे से दंपती की हत्या की थी।

सवेरा योजना का उद्देश्य

दरअसल, सवेरा योजना का मकसद पुलिस और जनता के बीच तालमेल हो सके। पुलिस का क्षेत्रीय लोगों के साथ नियमित मेल-मिलाप हो और उनकी व्यक्तिगत एवं सामूहिक परेशानियों को शुरूआती दौर में ही हल किया जा सके। इस योजना से नागरिकों में सुरक्षा का भाव हमेशा बना रहा है साथ ही जनता का पुलिस पर भरोसा बना रहा है।

खासतौर पर सवेरा’ योजना में रजिस्टर्ड बेसहारा बुजुर्गो की सुरक्षा और उनकी फौरन मदद करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। अकेले रह रहे बुजुर्ग अपनों या फिर पड़ोसियों से प्रताड़ित किए जाने पर और अन्य किसी भी आपातस्थिति में पुलिस की मदद ले सकते हैं।

112 पर कॉल कर कराएं रजिस्टर्ड

संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने बताया कि पीड़िता या फिर समस्याओं से परेशान बुजुर्ग डायल 112 पर कॉल कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जिसके बाद स्थानीय थाने या चौकी से बीट के पुलिसकर्मी बुजुर्ग के घर जाकर उनका आगे का ब्यौरा दर्ज कर सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन के दौरान में बुजुर्ग की संबधित जानकारियां दर्ज की जाती है। अगर वो देना चाहते हैं तब पुलिस उन जानकारियों को अपनी डायरी में नोट करती है। फिर रोजाना पुलिस बुजुर्ग का हालचाल पूछने उसके घर पर जाएगी। साथ ही बुजुर्ग की शिकायत पर पुलिस फौरन उनके पास जाएगी। उनकी समस्याओं का समाधान कराएगी और सुरक्षा का भरोसा भी देगी।

 

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