अशाेक यादव, लखनऊ। जन्माष्टमी पर बापू भवन में खुद को गोली मारने वाले अपर मुख्य सचिव के निजी सचिव विशम्भर दयाल की शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। दयाल ने बापू भवन की आठवीं मंजिल पर अपने कार्यालय के कक्ष में जन्माष्टमी का अवकाश होने के बाद प्रवेश किया और दस मिनट में कपनटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार ली।
लोहिया संस्थान के सीएमएस डॉ राजन भटनागर ने बताया की विशम्भर दयाल वेंटिलेटर पर थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। पांच दिन के इलाज के बाद शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। विशम्भर दयाल को 30 अगस्त को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। उसी दिन ऑपरेशन कर उनके सिर से गोली तो निकाल ली गई थी, लेकिन उनकी हालत लगातार गंभीर बनी थी।
30 अगस्त को बापू भवन के आठवें कक्ष में घटनास्थ्ल पर कमरे में विशम्भर दयाल के हाथ में रिवाल्वर, खोखा, जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट मिला था। इस सुसाइड नोट में विशम्भर ने बताया कि बहन के ससुराली विवाद के कारण वो तनाव में थे।
उन्नाव के दो और पुलिसकर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। माना जा रहा है कि औरास कोतवाली में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही की जाएगी। विशंभर दयाल के मामले में लापरवाही बरतने वाले उन्नाव के तत्कालीन इंस्पेक्टर हर प्रसाद अहिरवार और दारोगा नमीजुद्दीन को निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस विशंभर और उनकी बहन के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना शुरू कर दी है। औरास पुलिस पर लगे प्रताडऩा के आरोपों की जांच भी जारी है। पुलिस ने गुरुवार को कुछ लोगों के बयान दर्ज किए। पुलिस जल्द ही आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।