पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपने कैबिनेट में विस्तार किया. बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने आठ नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. नीतीश मंत्रिमंडल में नरेंद्र नारायण यादव, अशोक चौधरी, श्याम रजक, बीमा भारती, राम सेवक सिंह, लक्षमेश्वर राय, संजय झा और नीरज कुमार को शामिल किया गया है. जदयू ने केवल अपने कोटे से ही मंत्रिमंडल में मंत्रियों को शामिल किया है. इसमें जदयू के सहयोगी दल भाजपा को शामिल नहीं किया गया है. भाजपा के कोटे का एक पद खाली पड़ा है, लेकिन उसके बाद भी उसके एक भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया.
वहीं दूसरी ओर बिहार के उप मुख्यमंत्री और बिहार भाजपा अध्यक्ष सुशील मोदी ने इस पर सफाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘नीतीश कुमार ने भाजपा कोटे की खाली पड़ी मंत्री सीट को भरने को ऑफर दिया था. लेकिन भाजपा ने इसे भविष्य में भरने का फैसला किया है.’ बता दें, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद रिक्त हुए मंत्री पद भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. अभी तक नीतीश मंत्रिमंडल में कुल 25 मंत्री थे, जबकि इनकी संख्या 36 तक हो सकती है. जहां 2017 में भाजपा के साथ सरकार बनाने के समय अनुपातिक आधार पर भाजपा BJP) को 14 मंत्री बनाने का कोटा मिला था, जिसमें उनके 13 लोग फिलहाल मंत्री हैं.
लेकिन उनके कोटे के सारे विभाग भाजपा मंत्रियों के पास ही हैं. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी के पास वित के अलावा चार और विभाग हैं. बता दें, नीतीश कुमार काफी लंबे समय बाद मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के तीन सदस्यों के लोकसभा चुनाव जीत जाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तय माना जा रहा था. लोकसभा चुनाव में नीतीश सरकार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से सफलता मिली है, जबकि आपदा व लघु सिंचाई मंत्री दिनेश चन्द्र यादव को मधेपुरा से और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से जीत हासिल हुई है. इससे पहले ही कथित सृजन घोटाले में नाम आने के कारण मंजू वर्मा को समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद से नीतीश मंत्रिमंडल में कोई भी महिला सदस्य नहीं है.