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रोटी को तिजोरी में नहीं बंद होने देंगे, जारी रहेगी आर-पार की लड़ाई- राकेश टिकैत

अशाेक यादव, लखनऊ। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा बने राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा और तीनों कानून वापस नहीं होंगे जब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी।

टिकैत ने आज अलवर जिले के किशनगढ़बास में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस ले।

इन कानूनों को तानाशाही के जरिये लागू किया गया है।

किसानों की फसलें आधे दाम में बिक रही है।

यही काला क़ानून है।

इससे ज्यादा खतरनाक स्थिति उपभोक्ता की होगी।

जब अनाज, सब्जी, दालें ताले में बंद हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी पर गारंटी कानून बना दे कि अगर कोई व्यापारी सरकारी खरीद से कम पर खरीदे तो उसे जेल होगी।

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टिकैत ने कहा कि देशभर के किसान आंदोलन में साथ हैं।

कानून पूरे देश के लिए बना है।

एमएसपी पूरे देश में लागू होना चाहिए।

राहुल गांधी के राजस्थान दौरे से एक दिन पूर्व टिकैत के अलवर में सभा में शिरकत के सवाल से वह बचते दिखे लेकिन उन्होंने कहा राहुल गांधी से हमारा कोई तालमेल नहीं है। इस आंदोलन के जरिए राजनीति चमकाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही आंदोलन वोट के लिए किया जा रहा है।

40 आदमियों की कमेटी बनाई गई है।

वह सरकार के बातचीत कर ही फैसला करेगी।

टिकैत ने कहा कि राजस्थान में पहली पंचायत है और किसानों का समर्थन जुटाने के लिए पूरे देश में भ्रमण करेंगे।

उनकी प्रमुख मांगों में व्यापारी अनाज की कीमत तय नहीं करेगा और रोटी को तिजोरी में नहीं बंद होने देंगे।

सरकार तीनों कानूनों को वापस ले ले, एमएसपी भी कानून बना दे फिर वे अपना आंदोलन खत्म कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि चक्का जाम, रेल रोको आंदोलन यह तो साधारण आंदोलन है।

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथ की रिपोर्ट को भी लागू किया जाए।

सोशल मीडिया में राकेश टिकैत की संपत्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी संपत्ति कम बताई जा रही है.

संपत्ति तो इससे भी ज्यादा है और केंद्र सरकार को अनेकों एजेंसियों से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आंदोलन को लेकर वह सरकार से किसी भी तरीके की बात नहीं करेंगे।

सरकार ही उनसे आकर बात करें।

टिकैत ने शाहजहांपुर आंदोलन के कारण जिले की औद्योगिक इकाइयों के प्रभावित होने के सवाल पर कहा कि देश का किसान 70 साल से प्रभावित हो रहा है उनका कौन देखेगा।

पहले किसान की सोचें फैक्ट्रियों की बाद में सोचेंगे।

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