नई दिल्ली / लखनऊ : रॉफेल विमान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमला करने को लेकर कोई मौका नहीं छोड़ रही है चाहे वह सदन के अंदर हो या सदन के बाहर. यहीं वजह है बीजेपी की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी चार विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. इसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, अनुराग ठाकुर, दुष्यंत सिंह और प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इस मामले में मंगलवार को संसद में अनुराग ठाकुर ने अपना पक्ष रखा है.
वहीं कांग्रेस भी राफेल मुद्दे में केन्द्र सरकार को घेरने की तैयारी में है. कांग्रेस के 10 सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्माला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस दिए हैं. इसमें से पांच नोटिस पीएम मोदी और पांच रक्षा मंत्री निर्माला सीतारमण के खिलाफ हैं. ये नोटिस सदन में अविश्चास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 20 जुलाई को राफेल सौदे के मुद्दे पर सदन को कथित तौर पर गुमराह करने को लेकर कांग्रेस द्वारा दिया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर कहा कि यहां के पांच लोगों ने अलग अलग प्रधानमंत्री के खिलाफ और रक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. सुमित्रा महाजन ने शोर शराबे के बीच कहा, ‘ये मेरे विचाराधीन हैं.’
इससे पहले सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियम 222 के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अलग-अलग विशेषाधिकार हनन नोटिस दिए जाने की बात की. वहीं, कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिये जाने की बात कही. इस दौरान भाजपा के कुछ सदस्य भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर कुछ कहना चाहते थे. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि इन सदस्यो को भी बोलने दिया जाना चाहिए. बीजेपी सदस्य अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गुमराह करने वाला बयान दिया था. इस संबंध में स्पीकर ने कहा कि एक व्यक्ति के खिलाफ चार नोटिस पेश किये गए हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, वीरप्पा मोइली, केवी थॉमस, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजीव सातव की ओर से मोदी और सीतारमण के खिलाफ दिए गए अलग-अलग नोटिस में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने 20 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए राफेल सौदे को लेकर लोकसभा को ‘गुमराह करने वाला बयान’ दिया.