नई दिल्ली: फोर्टिस और रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज सिंह बंधुओं के घरों पर छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह कार्रवाई की गई है। दोनों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड ने पिछले साल दिसंबर में मालविंदर और शिविंदर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से शिकायत की थी। इस साल मई में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। उन पर 740 करोड़ रुपए के फ्रॉड के आरोप हैं। इस मामले में संज्ञान लेते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। मालविंदर-शिविंदर का जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो से भी विवाद चल रहा है।
4,000 करोड़ रुपए के भुगतान विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में दोनों भाइयों से कहा था कि आदेश का उल्लंघन किया तो जेल भेज दिए जाएंगे। दाइची सैंक्यो आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को लागू करवाने के लिए कोर्ट में लड़ रही है। सिंगापुर ट्रिब्यूनल में उसने 2016 में केस जीता था। दाइची ने 2008 में मालविंदर-शिविंदर सिंह से रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में उसने आरोप लगाया कि सिंह ब्रदर्स ने रैनबैक्सी के बारे में अहम जानकारियां छिपाईं। उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी। शिविंदर और मालविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी। फिलहाल 10,000 बेड की क्षमता और 314 डायग्नोस्टिक सेंटर्स के साथ फोर्टिस 45 शहरों में अपनी सुविधाएं दे रहा है। दुबई, मॉरिशस और श्रीलंका में भी इसका नेटवर्क है।