आमतौर पर लोग प्यार और आकर्षण को एक ही समझते हैं। जबकि ये दोनों ही शब्द एक-दूसरे से बेहद अलग होते हैं। वैसे आकर्षण को प्यार की पहली सीढ़ी माना जा सकता है। लेकिन प्यार में आकर्षण हो ये जरूरी नहीं है। क्योंकि प्यार का अर्थ, त्याग यानि दूसरे की खुशी में छुपा होता है। जबकि आकर्षण का अर्थ स्वयं की खुशी होताी है। लाइफ में कई बार हमें ऐसे लोग मिलते हैं जिनसे मिलने के बाद एक अनोखा रिश्ता जुड़ जाता है। लेकिन हम उस रिश्ते को समझ नहीं पाते हैं कि वो प्यार है या आकर्षण। इसलिए आज हम आपकी उसी समस्या का हल यानि प्यार और आकर्षण के बीच के अंतर को बता रहे हैं।प्यार और आकर्षण के बीच के अंतर जानने का तरीका :
प्यार – प्यार एक वो खूबसूरत एहसास होता है जिसमें प्यार करने वाला शख्स हमेशा सामने वाले को खुश देखना चाहता है। प्यार होने पर कई बार लोग अपनी पसंदीदा चीजें, आदतें, यादें और अपने करीबी लोगों तक को छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस बात को समझाने के लिए उदाहरण देते हैं…जब भी बच्चा कोई गलती बड़ी मिस्टेक करता है, तो पेरेंट्स बच्चे की हर गलती को सिर्फ इसलिए माफ कर देते हैं, क्योंकि वो उससे प्यार करते हैं। अगर पेरेंट्स बच्चे को उसकी गलती पर डांटते या मारते भी हैं, तो भी इसलिए ताकि वो बुरी आदतों से बच सकें।
आकर्षण – आकर्षण प्यार का एक अहम हिस्सा है, लेकिन ये स्वयं से संबंधित होता है। जिसमें हम जानबूझकर गलत होते हुए भी सिर्फ अपनी खुशी के लिए किसी को भी हर्ट करने से नहीं कतराते। आकर्षण होने पर व्यक्ति अक्सर अपनी खुशी के बारे में सोचता है। आकर्षण किसी भी शख्स की खूबसूरती, भौतिक या मैटीरियलस्टिक चीजों या लाइफ में किसी की कमी पूरी करने की जरूरत। आकर्षण को समझने के लिए भी हम आपको एक उदाहरण देते हैं…जैसे एक पार्क या घर में कोई खूबसूरत फूल खिला है। जो देखने में बेहद खूबसबरत लग रहा है, ऐसे में हम उसकी तरफ आकर्षित होकर उसे तोड़ लेते हैं। जबकि ये जानते हुए कि कुछ देर में वो खराब हो जाएगा। लेकिन सिर्फ अपनी खुशी के लिए उसे पौधे से तोड़ दिया। इसकी जगह अगर हम उस पौधे में पानी डालते,तो उस फूल को कुछ और दिन तक देख सकते थे।
रिलेशनशिप: पार्टनर के प्यार और आकर्षण में अंतर जानने के लिए आजमाएं ये खास टिप्स
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