नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण के लिए 19 मई को मतदान होना है लेकिन 23 मई को आने वाले चुनाव नतीजों से पहले ही सियासी गलियारों में उथल पुथल मच गई है. पीएम पद के लिए बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी चेहरा हैं लेकिन विपक्ष की तरफ से पीएम पद के लिए अभी तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के नाम पर चर्चा है जोकि अभी आधिकारिक नहीं है. वहीं राहुल को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी को केंद्र से बाहर करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
टीएमसी (TMC) से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी अगले पीएम के लिए राहुल गांधी के नाम पर तैयार हैं लेकिन नरेंद्र मोदी किसी भी कीमत पर वापस नहीं आना चाहिए. वहीं डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने मंगलवार को एक बार फिर राहुल गांधी को पीएम बनाने की बात कही. एक सूत्र ने कहा, ‘अगर स्टालिन राहुल को पीएम बनाने के लिए कहते हैं तो यह मसला नहीं है क्योंकि सभी मोदी को बाहर करना चाहते हैं.’ हालांकि राहुल और ममता बनर्जी के संबंध बहुत मधुर नहीं रहे हैं. कैंपेन के दौरान दोनों नेता एक दूसरे पर लगातार हमला करते रहे हैं. वहीं तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की मीटिंग का हवाला देते हुए तृणमूल के सूत्र ने कहा, ‘राज्यों की पार्टियां मोदी को बाहर करने की कोशिश कर रही हैं जिसमें ममता बनर्जी एक महत्वपूर्ण रोल अदा कर रही हैं.’
राव ने ममता बनर्जी से बीते साल मुलाकात की थी और ममता बनर्जी ने कहा था कि राव आगे की बात के लिए दोबारा आएंगे. वर्तमान में राव ने केरल के सीएम पिनराई विजयन, एमके स्टालिन और जगनमोहन रेड्डी और एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की तुलना में बीजेपी से राव को ज्यादा कठिनाई है क्योंकि बीजेपी के साथ गठबंधन उनको कई दक्षिणी राज्यों में नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि यहां लोग बीजेपी के लिए इच्छुक नहीं हैं. यही बात जगनमोहन रेड्डी पर लागू होती है जो आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के हाथ से सत्ता लेना चाहते हैं. विपक्ष के नेताओं में केवल ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ही कांग्रेस और बीजेपी से उचित दूरी बनाए हुए हैं. सूत्रों का कहना है, ‘नवीन के पास 5 साल हैं इसलिए उन्हें दिल्ली जाने की कोई हड़बड़ी नहीं है.’