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राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में इस्तीफे दौर जारी, सिंधिया को अध्यक्ष बनाने की मांग, भोपाल कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर

नई दिल्ली: एक ओर जहां राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में इस्तीफे दौर जारी है और पार्टी के नए अध्यक्ष की तलाश हो रही है वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान सौंपने की मांग की गई है. इसको लेकर पार्टी कार्यालय के बाृहर एक पोस्टर भी लगा दिया गया है. आपको बता दें कि कुछ साल पहले इलाहाबाद में भी प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ऐसे ही पोस्टर टांगे गए थे. लोकसभा चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उनको फैसले पर फिर विचार करने के लिए कहा गया है लेकिन वह अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोहरा को फिलहाल पार्टी का कामकाज देखने के लिए कहा गया है.

लेकिन जिस तरह से सिंधिया के समर्थन में पोस्टर लगाया गया है अगर ऐसी मांग दूसरे नेताओं के समर्थकों ने करना शुरू कर दिया तो पार्टी के लिए एक और बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. आपको बता दें कि राहुल गांधी के विश्वस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा ने पार्टी में अपने- अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.सिंधिया ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) महासचिव के तौर पर इस्तीफा दिया है. वहीं, देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दिया है. दोनों नेताओं ने (लोकसभा) चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया.

सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘‘जनादेश को स्वीकार करते हुए और जवाबदेही लेते हुए मैंने एआईसीसी महासचिव के तौर पर अपना इस्तीफा राहुल गांधी को सौंप दिया है.” उन्होंने कहा, ‘‘यह जिम्मेदारी देने के लिए और हमारी पार्टी की सेवा करने का मुझे अवसर देने के लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं.” देवड़ा ने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की आशा करते हैं. देवड़ा ने इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक नगर पार्टी इकाई के कामकाज की देखरेख के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता वाला एक अस्थायी सामूहिक नेतृत्व (समिति) गठित करने की सिफारिश की है. देवड़ा ने कहा, ‘‘मैंने तीन सदस्यीय एक समिति (नगर पार्टी इकाई के कामकाज की देखरेख के लिए) का सुझाव दिया है और इस सिलसिले में उपयुक्त नामों के लिए नेता मुझसे संपर्क कर रहे हैं.

मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की आशा करता हूं. मैं मुंबई कांग्रेस को दिशानिर्देश देना और एकजुट करना जारी रखूंगा.” उन्होंने कहा, ‘हम सभी को इस वक्त की जरूरत के मुताबिक भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार होना होगा.’ उन्होंने कहा कि 23 मई को घोषित लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक वास्तविकताएं बदल गई है. देवड़ा के कार्यालय द्वारा रविवार को एक बयान में कहा गया है कि भाजपा-शिवसेना का मुकाबला करना और ‘वंचित बहुजन आघाडी’ (प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले मोर्चा) के प्रभाव को अस्वीकार करना महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए एक चुनौती है. देवड़ा ने 26 जून को नयी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह पद फौरन छोड़ने की इच्छा जताई थी.

बयान में कहा गया है, ‘‘इस बात से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल को अवगत करा दिया गया है.”हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देवड़ा को मुंबई कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पार्टी को एकजुट करने के लिए मुंबई क्षेत्र कांग्रेस समिति (एमआरसीसी) की अध्यक्षता स्वीकार की थी. लेकिन मैंने राहुल गांधी से मिलने के बाद महसूस किया कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए.” देवड़ा ने लोकसभा चुनाव मुंबई-दक्षिण सीट से लड़ा था लेकिन शिवसेना के अरविंद सावंत से वह हार गए थे. भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद यादव ने भी चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए शनिवार को इस्तीफा दे दिया. बहरहाल, कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त होने तक पार्टी के कुछ और नेताओं के इस्तीफे देखने को मिल सकते हैं.

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