नई दिल्ली: मुख्यमंत्रियों के चयन को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी माथापच्ची के बाद गुरुवार की देर रात मध्यप्रदेश में कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुन लिया गया. प्रदेश में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा. विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था. हालांकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. राजस्थान में अशोक गहलोत को लेकर सहमति बनती दिख रही है.
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री चुने जाने पर कहा कि अब कमलनाथ कि जिम्मेदारी है कि वे उनके द्वारा बनाये गये वचन पत्र का हर वचन पूरा करें ताकि मध्य प्रदेश की जनता का विश्वास कांग्रेस में बना रहे. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद प्रेक्षकों ने सभी विधायकों के साथ बैठक की. यह सभी की सहमति से तय किया गया कि कांग्रेस हाईकमान सीएम के पद का निर्णय लेगी. जो भी फैसला हाईकमान लेगी हमें मंजूर होगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पर फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया क्योंकि वह इस विषय पर पार्टी नेताओं से और चर्चा करना चाहते हैं.
कांग्रेस सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए गुरुवार को प्रदेश के पार्टी नेताओं से चर्चा की. लेकिन दावेदारों से और चर्चा करने के लिए फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया. गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कई बैठकें कीं, लेकिन उनके बीच कोई सहमति नहीं बन पायी. पायलट ने इस शीर्ष पद के लिए दावा किया. गांधी के निवास के बाहर पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारे भी लगाए. गांधी ने देर शाम पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की. खड़गे ने कहा कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले कल प्रदेश नेताओं के साथ बैठक होगी.