लखनऊ /नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने रिलायंस कम्युनिकेसन और इसकी सहयोगी रिलायंस इंफ्राटेल व रिलायंस टेलीकॉम के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर बुधवार को सशर्त रोक लगा दी. साथ ही इन कंपनियों को अपनी संपत्तियों को रिलायंस जिओ को बेचने की अनुमति दी गई है.
भुगतान को 120 दिन में पूरा करना है
एनसीएलएटी ने आरकॉम और इसकी सहयोगी कंपनियों से एरिक्सन इंडिया को 500 करोड़ रुपये का भुगतान 120 दिन में करने के लिए कहा है. ऐसा नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया का निर्देश दिया जाएगा. 120 दिन की समयावधि एक जून से शुरू होगी. एनसीएलएटी के इस कदम को कर्ज के बोझ से दबी, अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है.
रिलायंस जिओ को बेचकर 25 हजार करोड़ रुपये हासिल करने की उम्मीद
कंपनी अपनी संपत्ति को रिलायंस जिओ को बेचकर 25 हजार करोड़ रुपये हासिल करने की उम्मीद कर रही है. एनसीएलएटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आरकॉम के चेयरमैन/प्रबंध निदेशक को इस राशि के भुगतान के बारे में हल्फनामा देने के लिए कहा है. एरिक्सन इंडिया को भी यह पेशकश स्वीकार करने का एक हल्फनामा देना होगा.गौरतलब है कि आरकॉम ने अपने परिचालन कर्जदाता एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिये 500 करोड़ के अग्रिम भुगतान की पेशकश मंगलवार को की थी. एरिक्सन ने इस कंपनी के खिलाफ दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता आदेश हासिल किया है. एनसीएलएटी में सुनवाई के दौरान आरकॉम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अग्रिम भुगतान का सुझाव रखा. इस पर एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनियों से आपसी सहमति से मामले को सुलझाने को कहा.