सोनभद्र। अनपरा तापीय परियोजना के मुख्य द्वार पर बुधवार को विद्युत कर्मियों ने आठ जनवरी से प्रस्तावित दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर विभिन्न मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए आमसभा की। इस दौरान अभियंता संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जीके मिश्रा ने कहा कि इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2018 सरकार द्वारा चलाई जा रही निजीकरण की कार्रवाई एवं पुरानी पेंशन हेतु देश के लगभग पंद्रह लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर आगामी आठ जनवरी से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि घाटे के नाम पर बिजली बोर्डों के विघटन का प्रयोग पूरी तरह असफल साबित हुआ है।
एनसीसीओईईई की मुख्य मांग अमेंडमेंट बिल को वापस लेना, इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 की पुनर्समीक्षा और राज्यों में विघटित कर बनाई गई। बिजली कंपनियों का एकीकरण कर बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण का केरल और हिमांचल प्रदेश की तरह एक निगम बनाना है। श्री मिश्र ने कहा कि बिजली निगमों का एकीकरण कर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद निगम लिमिटेड का पुनर्गठन किया जाए। सरकारी विद्युत गृहों का नवीनीकरण उच्चीकरण किए जाने के साथ निजी घरानों से महंगी बिजली खरीदने हेतु सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों को बंद करने की नीति को वापस लिया जाए। इस दौरान उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सदरूद्दीन राणा ने कहा कि इलेक्ट्रीसिटी संविधान की समवर्ती सूची में है और राज्य का विषय है।
यदि अमेंडमेंट बिल पारित हो गया तो बिजली के मामले में केंद्र का वर्चस्व बढ़ेगा। इससे राज्य की शक्ति कमजोर होगी। इसलिए जल्दबाजी करने की बजाए संशोधन बिल पर राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की राय लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता कर समाधान कराया जाए। संचालन विश्वंभर सिंह ने किया। इस अवसर पर सुशील कुमार श्रीवास्तव, शारदा प्रसाद, विवेक कुमार सिंह, राकेश वर्मा, रविन्द्र कुमार जायसवाल, इंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।