उधगमंडलम। राष्ट्रपति राम नाथ काेविंद ने कोरोना संकट के दौरान सीमा की स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के ‘धैर्य और दृढ़संकल्प’ की सराहना की है। कोविंद ने यहां वेलिंगटन में रक्षा सेवा स्टाॅफ कॉलेज के 77वें स्टाफ कोर्स पर छात्र अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा,“ हम चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं जो बदलावों से भरा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की अवधारणाएं बदल रही हैं। भू-रणनीतिक और भू-राजनीतिक मजबूरियों और कई अन्य कारकों ने सुरक्षा परिदृश्य को और अधिक जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद का मुकाबला और अन्य संघर्ष अलग-अलग चुनौतियां हैं।
कोविंद ने कहा, “ सभी पहलुओं को गहराई से समझना आवश्यक है। इस बदलते समय में हमें अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नये तरीकों के बारे में सोचना होगा। इसके लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी।”
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल से जुड़े संस्थान हमारे महान राष्ट्र के सबसे सम्मानित संस्थान है। उन्होंने अथक प्रयासों और महान बलिदानों से नागरिकों के दिलों में सम्मान पाया है। उन्होंने युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र को अमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करते हुए और प्राकृतिक आपदाओं के समय में समर्पण तथा साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा,“ हाल ही में मुझे कश्मीर घाटी में अपने अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। उनके ऊंचे मनोबल और कर्तव्य के प्रति समर्पण को देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। आप में से अधिकतर लोग इन चुनौतियों से निपटने के लिए अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में से रहे हैं। देश आपकी प्रतिबद्धता और योगदान की सराहना करता है।”
कोविंद ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कहा कि हाल का अतीत पूरी मानवता के लिए बहुत परेशानी का सबब रहा है। इस महामारी ने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। उन्होंने हमारी सीमाओं के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से निपटने में सशस्त्र बलों के पुरुषों और महिलाओं धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की।