लखनऊ-हरिद्वार: अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के लिए आरएसएस और भाजपा प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस कार्य को करने में समय तो लगेगा ही। यहां तक कि विपक्षी दल भी राम मंदिर बनाने का विरोध नहीं कर सकते हैं क्योंकि देश की बड़ी आबादी भगवान राम की पूजा करती है।यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भावगत ने कही। वे पतंजलि योगपीठ में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि भारत का एक बहुत बड़ा समुदाय भगवान राम की पूजा करता है, यह बात विपक्षी दलों को भी पता है। इसलिए वे राम मंदिर निर्माण के मामले में विरोध नहीं कर सकती हैं। सरकार की भी अपनी कुछ सीमाएं होती हैं और अपनी इस सीमा के अंदर ही सरकार को काम करना होता है। हालांकि साधु-संत ऐसी सीमाओं से परे होते हैं।
गौरतलब है कि संघ प्रमुख भागवत का मस्जिद में नमाज़ पड़ने को इस्लाम का हिस्सा मानने सम्बन्धी फैसले के बाद पहला बयान है. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में नमाज़ पढ़ने को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं माना था. इसके साथ ही कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दे की सुनवाई करने के लिए तीन सदस्यीय पीठ के साथ ही अक्टूबर माह के अंत का समय भी निर्धारित कर दिया था.