लखनऊ : 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही समय बचा है. इसके मद्देनजर राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर राजनीति के केंद्र में आ गया है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा है कि केंद्र सरकार को कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए. इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि चुनाव आते ही BJP को ‘मंदिरीटिस’ नाम की बीमारी हो जाती है. अब ऐसा ही (मोहन भागवत को हो गया है. ये सिर्फ पांच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की वजह से हो रहा है.
कांग्रेस के अलावा बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी इस पर बयान दिया है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि राम मंदिर का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है, इसलिए सभी को फैसले का इंतजार करना चाहिए. सभी को कोर्ट का ही फैसला स्वीकार होगा. उन्होंने ये भी कहा कि एनडीए के एजेंडे में राम मंदिर का मुद्दा नहीं है.
केसी त्यागी बोले कि राम मंदिर पर हमारी पार्टी की राय साफ है कि ये या कोर्ट के फैसले बने या फिर आम सहमति से, लेकिन आम सहमति बन नहीं पाई हैं इसलिए सबको कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए चाहे किसी के पक्ष में आये. उन्होंने सबरीमाला के मुद्दे पर संघ प्रमुख द्वारा दिए गए बयान पर भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सबरीमाला में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसका सम्मान सभी को करना चाहिए.
त्यागी ने कहा कि कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने दिल्ली में कहा था कि गुरू गोलवलकर ने जो कुछ संघ के संदर्भ में कहा था वो उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से कहा था, आज की परिस्तिथियों में ठीक नहीं है. उसी प्रकार सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश की इजाज़त नहीं होना भी रूढ़िवादी परंपरा है. अब सबरीमाला पर जो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसला आया हैं उसको सबको मानना चाहिए.
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने वार्षिक विजयदशमी उत्सव में गुरुवार को कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं. किसी भी मार्ग से बने लेकिन उनका मंदिर बनना चाहिए. सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए. अगर राम मंदिर बनता है तो देश में सद्भावना का माहौल बनेगा.