नई दिल्ली: जीएसटी दर की कटौती के लाभ समय पर उपभोक्ताओं को न देने के कारण योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि जांच के घेरे में है। यही नहीं एफएमसीजी कंपनी आईटीसी भी जांच के दायरे में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुनाफाखोरी निरोधक महानिदेशालय (डीजीएपी) ने आईटीसी को इस पर एक नोटिस भी जारी किया है। आईटीसी ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें डीजीएपी की तरफ से एक नोटिस जारी हुआ है और वह उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान कर रहे हैं बता दें कि केंद्र सरकार ने 2017 में 178 उत्पादों पर जीएसटी दर को 28 फीसदी से 18 फीसदी कर दिया था।
डीजीएपी जीएसटी नियमों के आधार पर इन दोनों कंपनियों से पूछ रही है कि जीएसटी दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिला या नहीं और अगर नहीं तो इस दौरान कंपनी ने कितनी मुनाफाखोरी की। डीजीएपी ने पतंजलि आयुर्वेद पर आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपने एफएमसीजी उत्पादों पर जीएसटी दर में कटौती के दिन से अगस्त 2018 तक कुल 176 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की।
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि पर मुनाफाखोरी की जांच का पता लगाने के लिए डीजीएपी इसका समय मार्च 2019 तक बढ़ा रही है। बता दें कि आईटीसी और पतंजलि ही नहीं बल्कि मल्टीनेशनल कंपनी प्रोक्टर एंड गैंबल, जॉनसन एंड जॉनसन और सैमसंग जैसी कंपनियों पर भी उपभोक्ताओं को जीएसटी दर में कटौती का फायदा न देने का आरोप है। कोरियाई उपभोक्ता कंपनी सैमसंग पर टेलिविजन पर घटी जीएसटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं को न देने के लिए मुनाफाखोरी के आरोप लगे हैं।