नई दिल्ली: राफेल डील पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए पुनर्विचार याचिका को बनावटी और आधारहीन बताया है। केंद्र ने कहा कि एयर फोर्स की सेवाओं और प्रशिक्षण की दोनों सरकारों द्वारा निगरानी की गई है इसलिए किसी भी हस्तक्षेप से कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छुपाई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट को इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल वाले आरोप पर भी जवाब दिया। सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई समानांतर बातचीत नहीं की गई है। बता दें कि राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर किया है। जिसमें शीर्ष अदालत द्वारा 14 दिसंबर के आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई है। केंद्र ने कहा कि एयर फोर्स की सेवाओं और प्रशिक्षण की दोनों सरकारों द्वारा निगरानी की गई है इसलिए किसी भी हस्तक्षेप से कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छुपाई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट को इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल वाले आरोप पर भी जवाब दिया।
राफेल डील पर केंद्र का एससी को जवाब, कहा- पुनर्विचार याचिका बनावटी और आधारहीन
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