राहुल यादव, लखनऊ। अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा नेतृत्व की आंतरिक खींचतान का राज्य के काम पर भी प्रभाव पड़ रहा है। जनहित के निर्णयो में देरी के साथ तमाम विकास योजनाएं भी ठप्प हैं। सरकारी मशीनरी कुंठित और निष्क्रिय भूमिका में है। इलाज, दवा सभी की मारामारी से चारों तरफ हाहाकार मचा है। इन रोज बरोज बिगड़ती स्थितियों में चार वर्ष बाद भाजपा और सरकार में तालमेल बिठाने के लिए संगठन नेतृत्व को बैठक करनी पड़ रही हैै। इन बैठकों और संघ के परामर्श का एकमात्र उद्देश्य फिर सत्ता पर काबिज होना है। राज्य कोरोना के संकट से अभी उभरा भी नहीं कि भाजपा सत्ता के लिए बदहवास है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठी कहानियां गढ़ी जाने का दौर चल रहा हैं। भाजपा सरकार का यह कहना कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर का पुख्ता इंतजाम सरकार ने कर लिया है जबकि दूसरी लहर के इंतजाम ही पूरे नहीं हो पाए हैं। ब्लैक फंगस के इलाज में तो अक्षम्य लापरवाही हो रही है। सरकार आवश्यक इंजेक्शन तक नहीं उपलब्ध करा पा रही है। मरीज तड़प-तड़प कर जान दे रहे हैं। अब डेढ़ साल बाद सरकार कोरोना संक्रमण की गहन पड़ताल की सूझी है। अभी तक सब क्या करते रहे।
कोरोना महामारी का आतंक पूरी तरह अभी समाप्त नहीं हुआ है। जांच की बढ़त के साथ संक्रमित भी बढ़ रहे हैं। कई जिलो में हालात बेकाबू हैं। लखनऊ के अस्पतालों में जिलों से भी ब्लैक फंगस के मरीज आ रहे हैं। इनके समुचित इलाज की कही व्यवस्था नहीं है। सरकार इनके लिए जीवन रक्षक इंजेक्शन भी नहीं मुहैया कर पा रही है। मरीज यंत्रणा में तड़पकर जान दे रहे हैं। इसके अलावा कोविड संक्रमित रहे मरीजों में नई-नई परेशानियां बढ़ा रही है।
टीकाकरण के रक्षक कवच बताने वाली भाजपा सरकार ने दिवाली तक प्रदेश में सबको टीका देने का लक्ष्य तो तय कर लिया पर अभी तक उसकी व्यवस्थाएं ही पूरी नहीं हो पा रही है। वैक्सीन के अभाव में कई टीकाकरण केंद्र बंद हो चुके हैं। अभी भी वैक्सीन की दर उ0प्र0 में 2 प्रतिशत से कम ही रही है। 98 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज नहीं लग सकी है। बिना दोनों डोज सुरक्षा कैसे होगी? पहली और दूसरी डोज एक ही वैक्सीन की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता नहीं हो पाने से अब मिश्रण लगाने की चर्चा है। यह जताता है कि सरकार बिना किसी योजना के केवल हवाई फैसले लेकर अपनी जग हंसाई कराती है।
बिना पूरी तैयारी और विशेषज्ञों की सलाह के बिना भाजपा सरकार द्वारा केंद्र की हो या राज्य की दुस्साहपूर्ण फैसलों से अपनी वाहवाही का ढोल पीटने का प्रयास वह जनता के साथ छल कपट और धोखा ही है। कोरोना की शुरुआत से ही भाजपा सरकार का आचरण अगंभीर और लापरवाही का रहा है। जनता अब सन् 2022 में भाजपा के विरूद्ध और समाजवादी पार्टी के पक्ष में मन बना चुकी है।
राज्य पर पड़ रहा है भाजपा की आंतरिक खींचतान का प्रभाव, दूसरी लहर के इंतजाम हो नहीं पाए हैं और सरकार कह रही है तीसरी लहर के लिए तैयार: अखिलेश यादव
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