नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इग्लेटन गोल्फ रिसॉर्ट पर छापे का असर राज्यसभा में भी देखने को मिला। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इल्गेटन रिसॉर्ट पर पड़े छापे का जिक्र करते हुए कहा कि जहां कांग्रेस विधायक रुके हुए हैं वहां सुबह 7 बजे से ही छापेमारी की जा रही है। आनंद के इतना कहते ही सभी सांसद हंगामा करने लगे। फिर वित्त मंत्री और नेता सदन अरुण जेटली ने शर्मा का जवाब देते हुए कहा कि जिस रिसॉर्ट में आपके एमएलए हैं, वहां किसी एमएलए की जांच नहीं हुई, ना ही किसी कमरे की जांच हुई।
राज्यसभा सीट जीतने के लिए पैसा बाँट रहे भाजपा वाले और छापा कांग्रेस विधायको पर क्यों: कांग्रेस
जेटली ने कहा कि कर्नाटक सरकार के एक मंत्री पर आरोप लगा था कि जो रिसॉर्ट में था और रिसॉर्ट कोई छिपने की जगह नहीं है। फिलहाल उसे आयकर विभाग के अधिकारी उसके आवास पर ले गए और उससे पूछताछ करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि उसके 39 ठिकानों पर छापे पड़े हैं। इसके जवाब में शर्मा ने कहा कि एक तरह का ट्रेंड बनता जा रहा है कि ED,CBI और IT विभाग का उपयोग कर लोगों को दबाया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि अगर कोई मामला होता है तो नोटिस दी जाती है लेकिन समय, स्थान और परिस्थिति मायने रखती है। जिन लोगों पर छापा पड़ा है यह सभी को पता है कि वो विधायकों के रहने का इंतजाम कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि अगर आप इसे इत्तफाक कह रहे हैं तो यह गलत है, उसे निशाना बनाया गया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा… इसी मसले पर नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे संविधान में इलेक्शन चाहे विधानसभा के हो, लोकसभा के हों और राज्यसभा के हो वो फेयर और बिना डर के होना चाहिए। लेकिन इस राज्यसभा के चुनाव मं ऐसा नहीं हो रह है। आजाद ने कहा कि पश्चिम में हमारे विधायकों का अपहरण हो रहा था लेकिन जब उन्हें दूसरे राज्य में पहुंचाया गया तो वहां भी ये सब कुछ हो रहा है। आजाद ने कहा कि आपकी पार्टी के लोगों पर पैसे बांटने का आरोप है, उन पर छापमेारी करिए। उन पर कार्रवाई करिए। पैसे आपके लोग बांट रहे हैं, छापे हमारे लोगों पर क्यों?
आजाद ने जेटली की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि अगर छापा मारना ही था तो ये एक महीना पहले या एक महीना बाद कर सकते थे। उन्होंने उप सभापित पीजे कुरियन की ओर संकेत करते हुए कहा कि ये राज्यसभा चुनाव बिना डर और किसी सही तरीके से होने चाहिए। इसके बाद कांग्रेस सांसद उपसभापति के वेल तक गए। कांग्रेस सांसदों ने नारा लगाया लोकतंत्र के हत्यारों शर्म, शर्म करो। इसके बाद लगातार हंगामे के कारण संसद स्थगित कर दी गई।
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