नई दिल्ली। पेगासस जासूसी विवाद और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा शुक्रवार को भी जारी रहा और सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बज कर करीब दस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में सदस्यों का हंगामा जारी रहा और विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां भी थीं।
पीठासीन अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नागर ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। इस दौरान मंत्रियों ने कुछ पूरक सवालों के जवाब भी दिए। हालांकि सदन में भारी शोर के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी। सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख आसन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर पहलवान रवि कुमार दहिया को टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीतने पर बधाई दी गई। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने शून्यकाल शुरू करने को कहा। कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्होंने अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं।
हरिवंश ने कहा कि इस नियम के तहत नौ नोटिस प्राप्त हुए हैं जिन्हें सभापति ने स्वीकार करते हुए अल्पकालिक चर्चा एवं अन्य तरीकों से इन मुद्दों को उठाने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के नेता सभापति के साथ बैठक कर समय तय कर लें।
इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। शोरगुल के बीच ही उपसभापति ने शून्यकाल आरंभ कराया।
भाजपा के हरनाथ यादव, बीजद के सस्मित पात्रा तथा जद (यू) के रामनाथ ठाकुर ने अपने-अपने मुद्दे उठाए। लेकिन हंगामे के कारण शून्यकाल आगे नहीं बढ़ पाया और 11 बज कर करीब 25 मिनट पर हरिवंश ने बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।