लखनऊ। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को जबरन सेवानिवृत्ति योजना के तहत सेवाच्युत करने की मांग बाली एक शिकायत को सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह को भेजकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.राज्यपाल के अनुसचिव कुँवर पाल ने बीती 25 सितम्बर को इस सम्बन्ध में पत्र जारी करते हुए शिकायतकर्ता समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा को सूचित भी किया है। एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि उन्होंने बीते 15 अगस्त को सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजकर साक्ष्य और सबूतों के साथ अमिताभ ठाकुर की शिकायत की थी. उर्वशी बताती हैं कि उन्होंने राज्यपाल को अमिताभ द्वारा विगत कई वर्षों से सूचना आयोग में हजारों आरटीआई मामलों, उच्च न्यायालय में सैकड़ों मुकदमों और जिला न्यायालय लखनऊ में पचासों मुकदमों को चलाने और इनमें बिना अवकाश लिए कार्य समय में उपस्थित रहकर उच्च पद और सरकारी संसाधनों का लगातार दुरुपयोग करके पेशेवर रूप से आरटीआई,मुकदमेबाजी और मीडियाबाजी करने के कारण राजकोष पर बोझ बन जाने की बात कही थी और अमिताभ को बीजेपी सरकार की जबरन सेवानिवृत्ति योजना के तहत सेवाच्युत कराने की मांग उठाई थी। उर्वशी ने सबाल उठाया था कि जब लगातार कई शिफ्टों में काम करने के कारण थके हारे पुलिस के सिपाही के झपकी ले लेने की बात मीडिया या सोशल मीडिया में आने पर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो जाती है तो आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा सरकारी काम न करके सरकारी समय में आरटीआई,मुकदमेबाजी और मीडियाबाजी करने के लिए अमिताभ के खिलाफ सख्त कार्यवाही क्यों नहीं होनी चाहिए। बकौल उर्वशी उन्होंने राज्यपाल को जिला न्यायालय लखनऊ की वेबसाइट का विवरण दिया है जिस के अनुसार अमिताभ ठाकुर के नाम से साल 2012 में 1, 2013 में 1, 2014 में 1,2015 में 7, 2016 में 11,साल 2017 में 7,साल 2018 में 7,और साल 2019 में अब तक 10 निजी आपराधिक मुकदमे दाखिल किये गए हैं,उर्वशी ने आनंदीबेन को यह भी बताया है ।
उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट के अनुसार अमिताभ ठाकुर ने साल 2016 से साल 2019 की अब तक की अवधि में 368 निजी आरटीआई मामले आयोग में मोबाइल नंबर 9415534526 से दर्ज कराये हैं और मोबाइल नंबर 9415534525 के द्वारा खुद अपने नाम से और अपनी पत्नी श्रीमती नूतन ठाकुर के नाम से 221 निजी आरटीआई मामले आयोग में दर्ज कराये हैं स उर्वशी ने राज्यपाल को यह भी बताया है कि अमिताभ ठाकुर ने उच्च न्यायालय में इतने अधिक मुकदमे दर्ज किये हैं कि न्यायालय ने याचिका संख्या के आदेश दिनांक 10-05-2019 में अमिताभ द्वारा की जा रही वेबजह की मुकदमेबाजी का संज्ञान लेकर न केवल पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अमिताभ की मुकदमेबाजी को लेकर की गई कड़ी प्रतिकूल टिप्पणी का उल्लेख किया है बल्कि अमिताभ को सुधर जाने की नसीहत भी दी है। उर्वशी ने बताया कि उनको विश्वास है कि राज्यपाल के पत्र के बाद यूपी का गृह विभाग इस मामले में निष्पक्ष जांच अवश्य कराएगा और कड़ी कार्यवाही करेगा।