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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वीरता पुरस्कार विजेताओं को किया सम्मानित

अशाेक यादव, लखनऊ। राजभवन में शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित ‘गैलेन्ट्री आवार्ड’ सम्मान समारोह के दौरान सैनिकों को परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सम्मानित किया गया।

इस मौके पर कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को परमवीर चक्र (मरणोपरांत), कोमोडोर अरविन्द सिंह को महावीर चक्र, नौसेना मेडल, ब्रिगेडियर प्रशांत कुमार घोष, कर्नल विमल किशनदास बैजल, कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी, मेजर विष्णु स्वरूप शर्मा, हवलदार कुंवर सिंह चौधरी (मरणोपरांत) और नायक राजा सिंह (मरणोपरांत) वीर चक्र, मेजर कमल कालिया (मरणोपरांत), लेफ्टिनेंट हरी सिंह बिष्ट (मरणोपरांत) तथा ओनोररी कैप्टन चंचल सिंह आदि को शौर्य चक्र, ब्रिगेडियर नवीन सिंह को वीर चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल, कर्नल बलराज शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा तथा ओनोररी कैप्टन गोकुल कुमार प्रधान आदि को शौर्य चक्र से सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सैनिको का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग व बलिदान के कारण ही हम आज आजादी की ऊर्जा का अनुभवन कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों का जीवन हमारी युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत है। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र ढिमरी, सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा भूतपूर्व सैनिक एवं उनके पारिवारिक सदस्यगण भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने गैलेन्ट्री आवार्ड से सम्मानित सभी विजेताओं को बधाई देते हुए कहा भारतीय सेना के प्रति मेरे हृदय में विशेष स्थान है। सीमा पर जब-जब संकट की घड़ी आयी है हमारे सैनिकों ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाओं ने युद्ध और शांति के समय समभाव रूप से देश की सेवा के अपने लम्बे इतिहास से स्वयं को तथा अपनी मातृभूमि को गौरव प्रदान किया है। देश की सीमाओं का सुरक्षित होना न केवल देश की अस्मिता एवं सम्मान के लिये आवश्यक है वरन् देशवासियों की सुख-शान्ति एवं प्रगति के लिये भी अपरिहार्य है।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे सैनिकों का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं है। हमारे सैनिक जितनी निष्ठा भाव से देश की रक्षा के लिये तत्पर रहते हैं, उतना उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। सैनिकों के अद्म्य साहस के कारण ही 1971 में पाकिस्तान पर निर्णायक और ऐतिहासिक विजय से हर्षोल्लास के क्षण आए जो कि एक नए राष्ट्र बांग्लादेश के निर्माण का गवाह है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर अब तक असंख्य संघर्षों में सैनिकों की बहादुरी और वीरता ने प्रेरित और राष्ट्र की छवि को मजबूत किया है। राज्यपाल जी ने सरकार की ओर से पूर्व सैनिकों के प्रति वचनबद्धता को दोहराते हुए सशस्त्र बलों की सराहना की।

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