नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि राजमार्गों के विकास के लिए साल 2024 तक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सरकार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा है. गडकरी ने कहा कि पूंजी बाजार से धन जुटाने के अलावा सरकार आम लोगों से भी पैसा लेकर उन्हें अच्छा ब्याज देगी. यह ब्याज फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा हो सकता है. असल में सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बॉन्ड जारी करती है और इस बॉन्ड को आम आदमी भी खरीदकर एक तरह से सरकार को कर्ज दे सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि अगले पांच साल में देश में बुनियादी ढांचे में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. लेकिन इतनी बड़ी रकम जुटाना सरकार के लिए आसान नहीं है, इसलिए इसके लिए विदेशी कर्ज लेने से लेकर मोटी नकदी पर बैठी सार्वजनिक कंपनियों से कर्ज लेने जैसे कई अनूठे उपाय किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि सड़कों का जाल बिछाने के लिए मोदी सरकार ने महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट की घोषणा की है, यह राजमार्गों का एक देशव्यापी ग्रिड होगा. इस पर खर्च होने वाले करीब 8.41 लाख करोड़ रुपये की भारी राशि जुटाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पेंशन एवं बीमा फंडों से कर्ज लेने जैसे विकल्पों पर भी विचार कर रहा है. नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘LIC ने एक साल में 25,000 करोड़ और पांच साल में 1.25 लाख करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा है. हम इस फंड को राजमार्गों के निर्माण में लगाएंगे.’ LIC के चेयरमैन आर. कुमार पिछले हफ्ते नितिन गडकरी से मिले थे. भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए पहले 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान था. बाद में जमीन आदि की कीमत बढ़ने की वजह से इसकी लागत में संशोधन किया गया. इसके तहत पहले चरण में 34,800 किमी सड़कें बनाई जाएंगी.
नितिन गडकरी ने बताया कि भारतामाला कार्यक्रम के लिए उपकर, टोल राजस्व, बाजार से उधारी, निजी क्षेत्र के सहयोग, बीमा फंड, पेंशन फंड, मसाला बॉन्ड और अन्य कई माध्यमों से पैसा जुटाया जाएगा, जिनमें से एक एलआई से क्रेडिट लाइन लेना है. यह फंड 30 साल के लिए लिए जाएंगे और हर 10 साल पर ब्याज दरों में संशोधन किया जाएगा. इसमें ब्याज दर क्या होगी, कर्ज वापसी कैसे होगी, इन सब चीजों के बारे में एलआईसी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारी मिलकर चर्चा करेंगे. NHAI इसके लिए बॉन्ड जारी करेगा. NHAI अभी अपने टोल, ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर (TOT) मॉडल के तहत 566 किमी के तीसरे चरण के लिए 4,995 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है. ये राजमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में बनेंगे. गडकरी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इस साल 75,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी है. उक्त स्रोतों के अलावा मंत्रालय बैंकों से भी कर्ज लेने पर विचार कर रहा है.