इंदौर। योग गुरु बाबा रामदेव ने चिंता जताते हुए कहा कि देश में अब राजनीती के साथ साथ धर्म में भी शुद्धिकरण की सख्त जरुरत है। कुछ अराजक और धर्म के नाम पर अधर्म करने वाले लोगों ने चरित्र हनन की घिनौनी करतूतों से धर्म और साधु समाज के वर्ग को सार्वजानिक रूप से कलंकित करने का काम किया है ऐसे लोगों को सबसे पहले अपने नाम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवन राम का नाम तुरंत हटा लेना चाहिए।
बाबा रामदेव ने ये प्रितिक्रिया आज इंदौर में बाबा राम रहीम को सजा दिए जाने के बाद दी है। एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में बाबा रामदेव ने कहा कि जो लोग शिखर पर बैठे हो उन्हें अनैतिक काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने राम के नाम पर पाखण्ड फैलाने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा व्यक्ति जो बाबा या संत के रुप में हो, उसके नाम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का नाम हो लेकिन उसका आचरण दूषित हो तो उसे अपने नाम से राम का नाम हटा लेना चाहिए।
बाबा रामदेव ने ये भी कहा कि किसी भी व्यक्ति विशेष के द्वारा किये गए कु आचरण को किसी सभ्यता, संस्कृति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी कई ऐसे संत है जो सचरित्र के साथ ध्यान सेवा में लगे है। लेकिन अब जरुरत है कि धर्म सत्ता और राज सत्ता में जो कलंक लगे है उसे शुद्ध किया जाए।
बताया कि किसी के आचरण को धर्म सभ्यता से न जोड़े और साधू के भेस में किसी ने गलती की इससे धर्म को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। राजनीती के साथ अब धर्म में भी शुद्धिकरण की आवश्यकता है।
बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा पर भी रामदेव ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शिखर पर होने वालों को अनैतिक और कानून से बाहर जाकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनका जीवन सार्वजनिक होता है और करोड़ों लोगों की नजरें और विश्वास उनपर होता है।
हालांकि बाबा राम देव से जब पूछा गया कि भाजपा और उसके सहयोगी दल ने डेरा प्रमुख राम रहीम के समर्थन से ही हरियाणा में सरकार बनाई थी क्या आने वाले समय में इसका नुकसान हो सकता है.. तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और वे आगे बढ़े गए।
बाबा रामदेव पतंजलि से जुड़ी एक मीटिंग के सिलसिले में आए।