लखनऊ : चुनावी लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. वकील और बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दाखिल याचिका में चुनावी लाभ के लिए धर्म के दुरुपयोग को रोकने की मांग की गई थी. याचिका में सुझाव दिया गया था कि एक उपकरण के रूप में धर्म का उपयोग करके वोट मांगने वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए और ऐसे राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द की जानी चाहिए. याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग को किसी भी उम्मीदवार या पार्टी के खिलाफ जांच एजेंसियों को शिकायत भेजने की शक्ति देने की भी मांग की थी.आपको बता दें कि साल 2016 में बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार जनहित याचिका दाखिल करने पर फटकार लगा चुकी है और कहा था कि कोर्ट कोई राजनीतिक अखाड़ा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप क्या BJP के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैंपेन कर रहे हैं? क्या बार-बार हर मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल करने के लिए BJP फाइनेंस कर रही है? क्या BJP ने आपको सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का काम दिया है? आप बीजेपी के प्रवक्ता हैं तो कोर्ट में क्यों हैं ? कोर्ट ने कहा कि बीजेपी पावर में है और आप मंत्री के पास जाकर जो भी दिक्कतें हैं, उन्हें दूर कर सकते हैं. ऐसा कोई दिन नहीं गया जब हमने आपको कोर्ट में न देखा हो, आपके पास दूसरा काम नहीं है.
राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इंकार , क्या BJP ने आपको सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का काम दिया है -सुप्रीम कोर्ट
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