अशाेक यादव, लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए इससे लगते देशों द्वारा सुरक्षा, शांति तथा समदिघ का माहौल सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था, व्यापार, नौसेना तथा समुद्री क्षेत्र में उच्च स्तर पर सहयोग किये जाने की जरूरत है।
राजनाथ सिंह ने गुरूवार को एयरो इंडिया के दौरान आयोजित हिंद महासागर देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्द महासागर सब देशों की साझा संपत्ति है और लेकिन मौजूदा समय में इसमें समुद्री डकैती, नशीले पदार्थो तथा लोगों की तस्करी, मानवीय आपदा बड़ी चुनौती हैं।
उन्होंने कहा कि एकजुट होकर तथा समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं क्योंकि आज किसी एक देश का खतरा कल दूसरे देश के लिए भी खतरा बन कर सामने आ सकता है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिशों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दुनिया के कुछ समुद्री क्षे़त्रों में परस्पर टकराव वाले विभिन्न दावों का नकरात्मक असर देखा है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति बनी रही और सभी देश इस साझा संपत्ति का फायदा उठाये। भारत के इन देशों के साथ ऐतिहासिक और सांस्कतिक संबंध रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत हिन्द महासागर के देशों को मिसाइल प्रणाली, हल्के लड़ाकू विमान तथा हेलिकाॅप्टर, युद्धपोत, गश्ती नौका, तोप प्रणाली, टैंक, राडार, सैन्य वाहन, इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्रणाली और अन्य हथियार प्रणाली देने को तैयार है जिससे कि तमाम तरह की चुनौतियों से निपट सकें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिन्द महासागर सबकी साझा संपत्ति तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए जीवन रेखा की तरह है क्योंकि दुनिया का एक तिहायी कार्गो इस क्षेत्र से गुजरता है। सभी देशों को मौजूदा तथा भविष्य की समुद्री चुनौतियों तथा खतरों को देखते हुए उच्च स्तर पर सहयोग तथा तालमेल करने की जरूरत है क्योंकि यही समय की मांग भी है।